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अमेरिका की सरकारी खरीद में भारतीय कंपनियों को मौका देने की मांग रखी गईः अधिकारी

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

नयी दिल्ली, 13 जनवरी (भाषा) भारत ने अपनी घरेलू कंपनियों को अमेरिकी सरकार के स्तर पर होने वाली खरीद प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दिए जाने की मांग की है जो निर्यात बढ़ाने में मदद करेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

अमेरिका की सरकारी खरीद प्रक्रिया में भारतीय कंपनियों को शामिल होने की मंजूरी देने का मुद्दा भारत ने अमेरिका के समक्ष उठाया है। इसके लिए भारत ने अमेरिका से व्यापार समझौता अधिनियम (टीएए) का अनुपालन करने वाले देश के रूप में नामित करने का अनुरोध किया है।

शुक्रवार को यहां भारत-अमेरिका व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) की 14वीं बैठक के दौरान यह मुद्दा चर्चा में आया। इस बैठक की सह-अध्यक्षता अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन तेई और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने की।

अधिकारी के मुताबिक, टीपीएफ बैठक में अमेरिका के जीएसपी (वरीयताओं की सामान्यीकृत प्रणाली) कार्यक्रम के तहत कुछ भारतीय वस्तुओं के लिए निर्यात लाभों की प्रस्तावित बहाली पर अच्छी प्रगति हुई। इसके अलावा भारत को टीएए-अनुपालक देश नामित करने पर औपचारिक चर्चा की शुरुआत और वीजा के लिए संधि का दर्जा देने के मुद्दे पर भी प्रगति देखी गई।

अधिकारी ने कहा, ‘यदि आप व्यापार समझौता अधिनियम का हिस्सा हैं तो आप अमेरिका की सरकारी खरीद प्रणाली में भाग लेने के लिए पात्र हैं। हमने इस पर चर्चा शुरू कर दी है। अमेरिका में सार्वजनिक खरीद काफी बड़े पैमाने पर होती है। हम उस सार्वजनिक खरीद प्रणाली का हिस्सा बनना चाहते हैं।’

यदि भारत को टीएए-अनुपालक देश के रूप में मान्यता मिल जाती है तो यह उसे अमेरिकी सार्वजनिक खरीद में माल की आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगा।

अधिकारी ने कहा, ”इससे हमारे निर्यात को सहूलियत मिलेगी और उसमें बढ़ोतरी होगी।”

हालांकि यह एक द्विपक्षीय व्यवस्था होगी और भारत को भी सार्वजनिक खरीद में अमेरिकी कंपनियों को पहुंच देनी होगी।

इस पर अधिकारी ने कहा, ‘यह पारस्परिक है। भारत को भी अमेरिका को रियायत देनी होगी। हम ब्रिटेन के साथ भी ऐसा कर रहे हैं। हमने अमेरिकी पक्ष से संदर्भ शर्तें तैयार करने के लिए कहा है। वे हमारी खरीद प्रणाली का भी मूल्यांकन करेंगे।’

हालांकि भारत उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के तहत अपने क्षेत्रों एवं एमएसएमई इकाइयों को इन खरीद प्रणालियों से संरक्षण देगा।

एक अन्य अधिकारी ने जीएसपी की बहाली पर कहा कि अमेरिकी पक्ष ‘बहुत ही सकारात्मक’ रहा है और उन्हें इसके लिए अमेरिकी संसद (कांग्रेस) के पास जाना होगा।

अधिकारी ने कहा, ‘अमेरिकी कांग्रेस यह तय करेगी कि वे किन शर्तों पर इसे पारित करेंगे। इसलिए, मुझे लगता है कि वे इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं।’

जीएसपी कार्यक्रम के तहत पात्र विकासशील देशों को अमेरिका में शुल्क-मुक्त सामान निर्यात की अनुमति मिलती है।

भारत चाहता है कि अमेरिकी जीएसपी कार्यक्रम के तहत उसकी लाभार्थी स्थिति बहाल हो। ट्रंप प्रशासन ने वर्ष 2019 में भारत से जीएसपी दर्जा ले लिया था। जीएसपी के तहत रसायन और इंजीनियरिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 1,900 भारतीय उत्पादों को अमेरिकी बाजार में शुल्क-मुक्त पहुंच मिल रही थी।

भाषा प्रेम प्रेम अनुराग

अनुराग

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