होम देश अर्थजगत आंकड़े चोरी करने वाले मैलवेयर का प्रकोप तीन वर्षों में छह गुना...

आंकड़े चोरी करने वाले मैलवेयर का प्रकोप तीन वर्षों में छह गुना बढ़ा: कैसपर्सकी

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) पिछले तीन वर्षों में आंकड़े चोरी करने वाले मैलवेयर से प्रभावित उपकरणों की संख्या छह गुना से अधिक बढ़ गई है। साइबर सुरक्षा कंपनी कैसपर्सकी ने यह जानकारी दी।

कैसपर्सकी के आंकड़ों के मुताबिक आंकड़ा चोरी करने वाले मैलवेयर से प्रभावित व्यक्तिगत और कॉरपोरेट उपकरणों की संख्या 2023 में बढ़कर एक करोड़ हो गई। यह पिछले तीन वर्षों में 643 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

उपभोक्ताओं और व्यवसायों को आंकड़े चोरी करने वालों से पैदा होने वाले खतरों का उल्लेख करते हुए कैसपर्सकी ने कहा कि 2023 में ऐसे हमलों की संख्या लगभग 1.6 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।

इसमें कहा गया है कि साइबर अपराधी प्रत्येक प्रभावित उपकरण से औसतन 50.9 ‘लॉग-इन क्रेडेंशियल’ चुराते हैं। इनमें सोशल मीडिया, ऑनलाइन बैंकिंग सेवाओं, क्रिप्टो वॉलेट और ईमेल सहित विभिन्न ऑनलाइन सेवाओं के लिए लॉग-इन की जानकारी शामिल हो सकती हैं।

कैसपर्सकी डिजिटल फुटप्रिंट इंटेलिजेंस के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ सर्गेई शचरबेल ने कहा कि इन सूचनाओं की कीमत आम तौर पर प्रति लॉग फाइल 10 अमेरिकी डॉलर से शुरू होती हैं।

आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच वर्षों में दुनिया भर में 4.43 लाख वेबसाइटों पर सफल साइबर हमले हुए। इनमें ‘डॉट कॉम’ डोमेन खातों की संख्या सबसे अधिक है।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

Exit mobile version