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बैंकों ने ग्राहकों से कहा- अगर आप दे सकते हैं तो अपने लोन की ईएमआई चुका दें, वरना बढ़ेगा ब्याज

भारतीय बैंकों के एसेसिएशन ने रिजर्व बैंक की कर्ज की मासिक किस्त (ईएमआई) भुगतान पर तीन महीने की रोक पर भ्रम को दूर करने के लिए ग्राहकों के सवालों के जवाब दिए.

भारतीय करेंसी की फाइल फोटो (प्रतीकात्मक तस्वीर )

नई दिल्ली: भारतीय बैंकों के प्रतिनिधि निकाय ने ग्राहकों को सलाह दी है कि यदि वे उच्च ब्याज दर से बचना चाहते हैं तो वे अपनी मासिक किस्तों (ईएमआई) और क्रेडिट कार्ड का बकाया का भुगतान कर दें.

ग्राहकों द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले 15 सवालों के जवाब देते हुए, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन या आईबीए ने बुधवार को कहा कि अगर नकदी प्रवाह में बाधा आती है या आय में कमी होती है, तो उधारकर्ताओं को भारतीय रिजर्व बैंक के तीन महीने के ऋण चुकाने पर पाबंदी का लाभ उठाना चाहिए.

आईबीए ने व्यापारी और लोगों को इस समय का फायदा उठाने के सवालों के जवाब में कहा, ‘हालांकि, आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ऋण पर ब्याज, हालांकि अनिवार्य रूप से देय नहीं है और 3 महीने के लिए स्थगित है, लेकिन यह आपके खाते में इकट्ठा होता रहेगा और नतीजा उच्च कीमत होगी. व्यवसायों और व्यक्तियों को जरूरी लाभ लेना चाहिए.

आईबीए ने उदाहरण के साथ बताया कि किस तरह अगर तीन महीने तक ईएमआई का भुगतान न करने पर लोन बकाया वाले व्यक्ति को ब्याज का अधिक भुगतान करना पड़ सकता है.

निकाय ने इसी तरह, क्रेडिट कार्ड के भुगतान के लिए समझाया कि क्रेडिट कार्ड की न्यूनतम राशि का भुगतान करने की आवश्यकता है और यदि इसका भुगतान नहीं किया जाता है, तो यह क्रेडिट ब्यूरो को बताना होता है.

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आरबीआई के सर्कुलर में कहा गया है कि क्रेडिट कार्ड खाते में 3 महीने की अवधि के लिए क्रेडिट ब्यूरो को सूचित नहीं करना है.

साथ ही क्रेडिट कार्ड के बकाए पर उच्च ब्याज दर पर सावधानी के साथ यह कहा है कि ‘हालांकि, क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले द्वारा चुकाई गई राशि पर ब्याज लिया जाएगा. आपको अपने कार्ड प्रदाता से दिए जाने वाले ब्याज की जानकारी के लिए पता करना चाहिए.

इसमें कहा गया है, ‘हालांकि, इस अवधि के दौरान कोई दंडनीय यानि अतिरक्त ब्याज नहीं लिया जाएगा, लेकिन आपको यह याद रखना चाहिए कि क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि पर ब्याज दर सामान्य बैंक क्रेडिट की तुलना में सामान्य रूप से बहुत अधिक है और आपको उसी के अनुसार निर्णय लेना चाहिए.’

आरबीआई ने पिछले सप्ताह कोविड 19 महामारी से नुकसान को देखते हुए कई उपायों की घोषणा की थी, जो कॉर्पोरेट और खुदरा विक्रेताओं दोनों को राहत प्रदान करने के लिए थे. इस कदम में 1 मार्च से 31 मई के बीच आवास, शिक्षा और ऑटो ऋण, कृषि और फसल ऋण सहित सभी अवधि के ऋण चुकौती पर तीन महीने की मोहलत शामिल थी.

हालांकि, बैंकों को अपने उधारकर्ताओं के साथ संवाद करने में समय लगता है, जिससे भ्रम फैलता है. जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक को अपने ग्राहकों को सूचित करने और उनके प्रश्नों का समाधान करने के लिए कदम उठाना पड़ता है.

आईबीए ने क्या कहा

बैंकों ने ग्रााहकों के सवालों के जवाब में बताया कि उधारकर्ता 1 मार्च और 31 मई के बीच तीन ईएमआई को न देने का विकल्प चुन सकते हैं. उसी के अनुसार बकाया चुकाने का समय तीन महीने तक बढ़ जाएगा.

आईबीए ने उधारकर्ताओं को ऑनलाइन डेबिट सुविधाओं के माध्यम से पहले से भुगतान की गई ईएमआई की वापसी की मांग के लिए अपने संबंधित बैंकों से संपर्क करने के लिए कहा है. यह तब कहा जब कई उधारकर्ताओं ने कहा कि बैंकों ने आरबीआई की घोषणा के बाद भी मार्च महीने के लिए ईएमआई में कटौती जारी रखी.

निकाय ने बैंक का कलेक्शन एजेंट के पुनर्भुगतान के लिए संपर्क करने उधारकर्ताओं को परेशान न होने को कहा. यह कहा, ‘आपको परेशान नहीं होना चाहिए और बैंक कर्मचारियों/कलेक्शन एजेंट को बताना चाहिए कि आप नियामक पैकेज के तहत बढ़ाया जा रहा लाभ प्राप्त करना चाहते हैं.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

2 टिप्पणी

  1. आदरणीय मित्रों, ई,एम,आई, पर तीन महीने का ब्याज ना लगे तो सभी ग्राहकों को हालात से लडने मे आसानी हो जाएगी!लाकडाउन कि स्थित में गरीब, मध्यम, नागरिक हालात से गुजर रहे हैं!धन्यवाद,

  2. Mere pas SBI credit card hai jiska lock down me payment nahi karne se kaffi bill aaya hai.main payment karne ke layak nahi hu. .kirpya iska satelment kara de jaye ….

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