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सरकार ने पीपीएफ और लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घटाईं, पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम ने इसे मुश्किल दौर में गलत फैसला कहा

सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र और लोक भविष्य निधि समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें 2020-21 की पहली तिमाही के लिये 1.4 प्रतिशत तक घटा दीं. बैंक जमा दरों में कटौती के बीच यह कदम उठाया गया है.

निर्मला सीतारमण(एएनआई)/ पी चिदंबरम(सूरज कुमार बिष्ट)/दिप्रिंट

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र और लोक भविष्य निधि समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें कम करने के फैसले की आलोचना करते हुए बुधवार को कहा कि सरकार को 30 जून तक के लिए पुरानी ब्याज दरें बहाल करनी चाहिए.

पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘पीपीएफ और लघु बचत पर ब्याज दर कम करना तकनीकी रूप से सही हो सकता है, लेकिन ऐसा करने का यह गलत समय है.’

चिदंबरम ने कहा, ‘इस बहुत ही मुश्किल घड़ी और आय को लेकर अनिश्चितता के दौर में लोग अपनी बचत पर ब्याज से होने वाली आय पर निर्भर होते हैं. सरकार को इस निर्णय पर तत्काल पुनर्विचार करना चाहिए और पहले की ब्याज दर को 30 जून तक बहाल करना चाहिए.’ उन्होंने यह भी कहा, ‘ मेरे विचार से हमें विकास दर को लेकर चिंता नहीं करनी चाहिए. फिलहाल लोगों की जिंदगियां बचाने पर जोर होना चाहिए.’

चिदंबरम ने पिछले दिनों घोषित वित्तीय पैकेज का उल्लेख करते हुए कहा, ‘ मैं इस बात से चिंतित हूं कि सरकार ने 25 मार्च को बहुत ही कम वित्तीय पैकेज की घोषणा के बाद अब तक वित्तीय सहायता पैकेज का ऐलान नहीं किया.’

गौरतलब है कि सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र और लोक भविष्य निधि समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें 2020-21 की पहली तिमाही के लिये 1.4 प्रतिशत तक घटा दीं. बैंक जमा दरों में कटौती के बीच यह कदम उठाया गया है.

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 पीपीएफ पर 7.1 प्रतिशत मिलेगा ब्याज

सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र और लोक भविष्य निधि समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें 2020-21 की पहली तिमाही के लिये 1.4 प्रतिशत तक घटा दीं. बैंक जमा दरों में कटौती के बीच यह कदम उठाया गया है.

लघु बचत योजनाओं पर ब्याज तिमाही आधार पर अधिसूचित किया जाता है.

वित्त मंत्री ने एक अधिसूचना में कहा, ‘विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही के लिये संशोधित किया गया है.’

इस कटौती के बाद एक से तीन साल की मियादी जमा राशि पर ब्याज अब 5.5 प्रतिशत मिलेगा जो अबतक 6.9 प्रतिशत था. यानी इस पर ब्याज में 1.4 प्रतिशत की कटौती की गयी है. इन मियादी जमाओं पर ब्याज तिमाही आधार पर दी जाती है.

पांच साल की मियादी जमा पर ब्याज कम कर 6.7 प्रतिशत किया गया है जो अबतक 7.7 प्रतिशत थी. इन जमाओं पर ब्याज हर तिमाही दिया जाता है.

पांच साल की आवर्ती (रेकरिंक) जमा पर ब्याज में 1.4 प्रतिशत की कमी की गयी है. इस कटौती के बाद नई दर 5.8 प्रतिशत होगी.

पांच साल के वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज 1.2 प्रतिशत कम कर 7.4 प्रतिशत कर दिया गया है जो अबतक 8.6 प्रतिशत थी. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर भी ब्याज तिमाही आधार पर दिया जाता है.

हालांकि बचत खाते पर ब्याज को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है.

अधिसूचना के अनुसार सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज 2020-21 की पहली तिमाही के लिये 7.6 प्रतिशत होगा जो अबतक 8.4 प्रतिशत था.

लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (एनएससी) पर ब्याज दरों में क्रमश: 0.8 प्रतिशत और 1.1 प्रतिशत की कटौती की गयी है. इस कटौती के बाद 2020-21 की पहली तिमाही पीपीएफ पर ब्याज 7.1 प्रतिशत होगा जबकि एनएससी पर यह 6.8 प्रतिशत होगा.

किसान विकास पत्र पर पर अब 6.9 प्रतिशत ब्याज मिलेगा जो अबतक 7.6 प्रतिशत था. नये ब्याज पर परिपक्वता अवधि 124 महीने हो गयी है जो पहले 113 महीने थी.

पिछले महीने आर्थिक मामलों के सचित अतनु चक्रवर्ती ने संकेत दिया था कि बाजार दर के अनुरूप अगली तिमाही के लिये लघु बचत योजनाओं पर ब्याज कम की जा सकती है ताकि मौद्रिक नीति दर का तेजी से लाभ ग्राहकों को मिल सके.

बैंक इस बात की शिकायत कर रहे थे लघु बचत योजना पर अधिक ब्याज दर से वे जमा दरों पर ब्याज कम नहीं कर पा रहे हैं.

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