होम देश भारत में 1 करोड़ स्वास्थ्यकर्मी, 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर समेत 30 करोड़...

भारत में 1 करोड़ स्वास्थ्यकर्मी, 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर समेत 30 करोड़ लोगों को पहले दी जाएगी कोविड-19 वैक्सीन : डॉ. हर्षवर्धन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने कहा भारत सरकार पिछले चार महीनों से राज्य सरकारों के साथ मिलकर राज्य, ज़िला और ब्लॉक स्तर पर वैक्सीनेशन के लिए तैयारियां कर रही है.

मीडिया से बातचीत करने डॉ. हर्षवर्धन/एएनआई

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को कोविड-19 के उपलब्ध होने की जानकारी दी. उन्होंने  बताया कि जिन 30 करोड़ लोगों को पहले वैक्सीन दी जाएगी उनमें 1 करोड़ स्वास्थ्य कर्मी, 2 करोड़ फ्रंट लाइन वर्कर, 50 वर्ष से अधिक उम्र के 26 करोड़ लोग और 50 वर्ष से कम उम्र के करीब एक करोड़ लोग हैं जिनको कोई ​बीमारी है.

हर्षवर्धन ने कोविड-19 वैक्सीन के उपलब्ध होने के समय के बारे में बताया, ‘मुझे लगता है कि अगले वर्ष जनवरी के महीने में किसी भी सप्ताह में ऐसा समय आ सकता है जब हम भारत के लोगों को पहली वैक्सीन देने की स्थिति में आ जाएं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने कहा भारत सरकार पिछले चार महीनों से राज्य सरकारों के साथ मिलकर राज्य, ज़िला और ब्लॉक स्तर पर वैक्सीनेशन के लिए तैयारियां कर रही है.

हर्षवर्धन ने कहा मुझे लगता है कि जितनी तकलीफों से हम गुजरे हैं अब वो खत्म होने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं. इतना बड़ा देश होते हुए दुनिया के दूसरे बड़े देशों के मुकाबले भारत बेहतर स्थिति में है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

उन्होंने जानकारी दी कि कुछ ​महीनों पहले देश में कोरोनावायरस के 10 लाख सक्रिय मामले थे, अभी देश में करीब 3 लाख सक्रिय मामले हैं. कोरोनावायरस के एक करोड़ मामलों में से 95 लाख से ज़्यादा मामले ठीक हो चुके हैं. हमारा रिकवरी रेट दुनिया में सबसे ज़्यादा है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत वैक्सीन के विकास और रिसर्च में किसी से पीछे नहीं है। वैक्सीन की सुरक्षा, प्रभावशीलता, प्रतिरक्षाजनकता को लेकर भारत किसी तरह का कोई समझौता नहीं करेगा। हमारे रेगुलेटर बहुत गहराई और गंभीरता से आंकड़ों का अध्ययन कर रहे हैं.

 

Exit mobile version