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ड्यूटी के दौरान अपंग होने पर सरकारी कर्मचारियों को ‘विकलांगता मुआवजा’ मिलेगा: जितेंद्र सिंह

कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा, ‘यह नया आदेश, कर्मचारियों के सामने आने वाली कठिनाई को देखते हुए सेवा नियमों में एक विसंगति को दूर करेगा.’

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जितेंद्र प्रसाद संसद भवन जाते हुए- फोटो- प्रवीण जैन- दिप्रिंट

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि ‘विकलांगता मुआवजा’ केंद्र सरकार के उन सभी सेवारत कर्मचारियों के लिए विस्तारित कर दिया गया है जो ड्यूटी के दौरान अपंग हो जाते हैं और उन्हें ऐसी अपंगता के बावजूद सेवा में बरकरार रखा जाता है.

सिंह ने कहा कि शुक्रवार को एक आदेश जारी किया गया है जो विशेष रूप से सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आदि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवानों को भारी राहत प्रदान करेगा क्योंकि नौकरी की जरूरतों के साथ ही कठिन कार्य वातावरण के चलते कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान विकलांगता आमतौर पर उनके मामलों में सामने आती है.

कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा, ‘यह नया आदेश, कर्मचारियों के सामने आने वाली कठिनाई को देखते हुए सेवा नियमों में एक विसंगति को दूर करेगा.’

कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, सरकार के 2009 के आदेश में उन सरकारी कर्मचारियों को इस तरह का मुआवजा मुहैया कराने का उल्लेख नहीं था जो एक जनवरी 2004 को या उसके बाद नियुक्त किए गए थे और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत आते हैं.

इसमें कहा गया है, ‘हालांकि, कार्मिक मंत्रालय में पेंशन विभाग द्वारा जारी किए गए नए आदेश के साथ, एनपीएस के तहत आने वाले कर्मचारियों को भी अतिरिक्त साधारण पेंशन (ईओपी) के नियम (9) के तहत लाभ मिलेगा.’

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सिंह ने कहा, मोदी सरकार नियमों को सरल बनाने और भेदभावपूर्ण धाराओं को दूर करने के लिए सभी प्रयास कर रही है.

बयान के अनुसार सिंह ने कहा कि इन सभी नई पहलों का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के लिए जीवन यापन में आसानी प्रदान करना है, भले ही वे सेवानिवृत्ति के बाद पेंशनभोगी बन गए हों या पारिवारिक पेंशनभोगी हो या वरिष्ठ नागरिक हों.


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