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दिल्ली पुलिस से झगड़े के बाद घर में ताला लगा गुरुद्वारे में शरण ली ऑटो चालक सरबजीत ने

घटना की वायरल वीडियो में सरबजीत पुलिस वालों पर तलवार लहराते दिख रहे हैं, वहीं पुलिस ने उन्हें काबू करने के बाद मानवता की सारी हदें पार कर दीं.

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झड़प के बाद सरबजीत की पिटाई करती दिल्ली पुलिस, फाइल फोटो.

नई दिल्ली: रविवार को दिल्ली के मुखर्जी नगर में हुई भयानक हिंसा से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ. इसमें दिल्ली पुलिस और ऑटो चालक के बीच सड़क पर झगड़े का वीडियो वायरल हुआ जिसमें सरबजीत सिंह कृपाण लहराते दिखे तो पुलिस वाले उन्हें डंडों से पीटती सड़क पर घसीटती नजर आ रही है. फिर पुलिस उन्हें और उनके बेटे को थाने ले गई. मामला बढ़ा और मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया.

सरबजीत ग्रामीण सेवा ऑटो चालक हैं, मामला तूल पकड़ चुका है. सरबजीत से मिलने वालों का तांता लगा है, परेशान सरबजीत घर में ताला बंद कर गुरुद्वारे में चले गए हैं. उनके बड़े बेटे जो उनके घर के रहते हैं ने दिप्रिंट को बताया कि इन सबकी वजह से उनके पिता को आराम करने का वक्त नहीं मिल रहा और इसी वजह से उन्होंने अपने घर पर ताला लटका दिया है.

सरबजीत के घर से दो घर आगे उनके बड़े बेटे का परिवार रहता है. बातचीत में उन्होंने कहा, ‘हमारी बस इतनी मांग है कि हमारे पिता को परेशान ना किया जाए. जिन्होंने ग़लती की है उन सबको कानून के तहत सज़ा मिले.’ वहीं, उनके एक दोस्त ने कहा कि फिलहाल सरबजीत इलाके के गुरुद्वारे में हैं.

उनके बेटे बलवंत कहते हैं, ‘पुलिस की लाठी से लगी चोट में उनके हाथ की हड्डी टूट गई है. उनका आरोप है कि पुलिस स्टेशन ले जाने के बाद भीतर भी उनकी पिटाई की गई.’

‘बलवंत पर पुलिस वालों को अपने ऑटो से टक्कर मारकर उन्हें घायल करने का आरोप है. एएसआई योगराज को इस घटना के दौरान सिर पर गंभीर चोट आई जिससे उनके सिर पर 4 टांके लगे हैं.’

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दिल्ली पुलिस के मुताबिक कुल आठ पुलिस वाले घायल हुए हैं और सरबजीत के बेटे द्वारा ऑटो से मारी गई कथित टक्कर से महेश नाम के कॉन्सटेबल का पैर टूट गया.

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरबजीत ने रोज़ी-रोटी कमाने के लिए हाल ही में एक टेंपो ख़रीदा था. उनके साथ उनका 15 साल का बेटा हेल्पर के तौर पर काम करता है. छोटे बेटे के साथ वो मुखर्जी नगर के गांधी विहार में रहते हैं. उनकी बेटी उनके रिश्तेदारों के साथ रहती है. उनकी पत्नी ने उन्हें कई साल पहले छोड़ दिया था.

सरबजीत के घर पर लगा ताला

आख़िर किसकी थी ग़लती?

दिल्ली के मुखर्जी नगर में ऑटो ड्राइवर सरबजीत सिंह और उनके बेटे बलवंत सिंह संग हुई पुलिस की बर्बरता के मामले ने तूल पकड़ लिया है. सरबजीत और उनके बेटे पर हमला करने वालों में शामिल तीन पुलिस वालों को सस्पेंड कर दिया गया, संस्पेंड किए गए पुलिस वालों में दो एएसआई शामिल हैं. दिल्ली पुलिस ने मामले में शामिल पुलिस वालों और सरबजीत के ख़िलाफ़ अलग-अलग एफआईआर भी दर्ज की है.

घटना को लेकर अलग-अलग कहनियां हैं. पुलिस की मानें तो ग्रामीण सेवा टेम्पो चला रहे सरबजीत ने पैसेंजर बैठाने के लिए अचानक से टेम्पो रोक दी. इस दौरान दिल्ली पुलिस की गाड़ी चला रहे एएसआई देवेंदर ने टेम्पो को टक्कर मार दी और झगड़ा शुरू हो गया. जिस जगह ये घटना हुई वहां के ऑटो वालों में ये बता फैली हुई है कि सिविल ड्रेस में एक पुलिस वााल सरबजीत के ऑटो में बैठा और उतरने के बाद किराया देने से मना कर दिया जिससे झगड़े की शुरुआत हुई.

हालांकि, सरबजीत के पक्ष का कहना है कि पुलिस वाले उन्हें बिना ग़लती के परेशान कर रहे थे और थाने चलने को कह रहे थे. इसी दौरान बहस से बात बढ़ी और नौबत मारपीट तक चली गई. दिप्रिंट से बातचीत में नाम नहीं बताने की शर्त पर अशोक विहार स्थित डीसीपी ऑफिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘ग़लती तो पुलिस वालों की ही है, ड्राइवर के साथ इस तरह से मारपीट नहीं करनी चाहिए थी.’

सरबजीत, उनके बेटे और पुलिस वाले सब गंभीर रूप से घायल

एक ही गली में अलग-अलग रहते हैं सरबजीत और उनके बड़े बेटे. बड़ा बेटा अपने परिवार के साथ रहता है और सरबजीत अपने छोटे बेटे के संग रहते हैं.

मीडिया से बातचीत में सरबजीत ने कहा, ‘हमारी कोई ग़लती नहीं थी. पुलिस ने अपनी वर्दी का नजायज़ फ़ायदा उठाया.’ सरबजीत ने लोगों के टैक्सपेयर होने का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस वालों को इसी टैक्स के पैसे से तनख़्वाह मिलती है, लेकिन वो आम लोगों की कोई परवाह नहीं करते. पुलिस से मिली जानकारी में ये भी पता चला कि सरबजीत का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा.

घटना के बाद भीड़ ने किया एसीपी त्यागी पर हमला, हो रही निंदा

घटना के बाद एस समुदाय विशेष के लोगों पर मुखर्जी नगर थाने को घेरने और एसीपी के सी त्यागी पर हमला करने का आरोप है. इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस पर हुए हमले की काफी निंदा हो रही है.

घटना की आलोचना करते हुए खिलाड़ी योगेश्वर दत्त ने लिखा है, ‘दिल्ली के मुखर्जी नगर की घटना अत्यंत ही निंदनीय है. पर किसी एक ही पक्ष या वीडियो को देखकर फैसला करना भी गलत है. जो पुलिस हमारी सुरक्षा के लिए दिन रात काम करती है, उनके साथ ये मारपीट क्या सही है? आज सोशल मीडिया के नाम पर हर व्यक्ति दबंग बनता है, बस वीडियो बना लो.’

दिल्ली पुलिस की अब तक की कार्रवाई

दिल्ली पुलिस के पब्लिक रिलेशन अधिकारी मधुर वर्मा ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, ‘दोनों मामले मुखर्जी नगर पुलिस स्टेशन मे दर्ज किए गए हैं और विस्तार से जांच के लिए इसे क्राइम ब्रांच के हवाले कर दिया गया है. एफआईआर हमला करने की धाराओं के तहत दर्ज किए गए हैं.’

पुलिस घटना से जुड़ी वीडियो क्लिप तलाश रही है ताकि मामला कहां से शुरू हुआ ये पता किया जा सके. उन्होंने ये भी कहा कि नॉर्दन रेंज के ज्वाइंट सीपी मनीष कुमार अग्रवाल भी मामले में सच को समाने लाने से जुड़ी एक जांच अलग से कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने ये भी कहा है कि वो किसी तरह के गैर-पेशेवराना रवैये को बर्दाश्त नहीं करती.

मामले पर आई राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से लेकर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह तक ने सरबजीत के पक्ष में ट्वीट किए हैं. घटना के बाद के एक ट्वीट में सीएम केजरीवाल ने लिखा, ‘मुखर्जी नगर में दिल्ली पुलिस द्वारा की गई बर्रबरता निंदनीय और ग़लत है.’ उन्होंने मामले में निष्पक्ष जांच और कठोर कार्रवाई की मांग की.

सीएम अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर लिखा, ‘बेहद मामूली घटना के लिए दिल्ली पुलिस ने सरबजीत सिंह और बलवंत सिंह को जिस तरह से पीटा है वो शर्मनाक है. गृहमंत्री अमित शाह से न्याय करने का अनुरोध करता हूं.’ शिरोमणी अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल ने भी गृहमंत्री शाह से गुहार लगाई है और हमला करने वाले पुलिस वालों पर हत्या करने के प्रयास का मामला दर्ज करने की मांग की है.

भाजपा के दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि घटना निंदनीय है और लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है. वहीं दिल्ली कांग्रेस ने मामले के निष्पक्ष जांच की मांग की है. एक वीडियो पोस्ट करते हुए आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और एमएलए कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया, ‘दिल्ली पुलिस स्टेशन के भीतर खालिस्तानी नारे लगाए गए. आप आग से खेल रहे हैं.’

(दिप्रिंट इनमें से किसी वीडियो को प्रमाणित नहीं करता.)

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