होम देश तीस हजारी झड़प मामले में अदालत ने दिये जांच के आदेश, दिल्ली...

तीस हजारी झड़प मामले में अदालत ने दिये जांच के आदेश, दिल्ली पुलिस ने किया एसआईटी का गठन

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश मामले में न्यायिक जांच करेंगे. और किसी भी वकील के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी.

तीस हजारी कोर्ट परिसर में दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प के बाद एकत्रित पुलिस/एएनआई

नयी दिल्ली: तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच झड़प पर रविवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई में अदालत ने आदेश दिया है कि जांच छह हफ्तों में पूरी की जानी चाहिए. वहीं अदालत ने इस मामले की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज एसपी गर्ग को सौंपी गई है. उनकी टीम में सीबीआई निदेशक, इंटेलीजेंस ब्यूरो के निदेशक और विजिलेंस के निदेशक या फिर कोई वरिष्ठ अधिकारी होगा जो उन्हें जांच में सहयोग करेगा.

पुलिस वालों को सस्पेंड करें

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस कमिशनर को यह भी आदेश दिया कि वह त्वरित प्रभाव से आरोपी पुलिस वालों को सस्पेंड करें. साथ ही अदालत ने जांच चलने तक दिल्ली पुलिस प्रमुख को विशेष पुलिस आयुक्त संजय सिंह और अतिरिक्त डीसीपी हरिंदर सिंह का तबादला करने का निर्देश दिया. वहीं दिल्ली सरकार को आदेश दिया कि वह वकील विजय वर्मा को 50,000 रुपए और जख्मी वकीलों को 15000 और 10,000 रुपए देने की बात कही है.

सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने उच्च न्यायालय को बताया कि झड़प की घटना की जांच के लिये एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है.

दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए वकील राहुल मेहरा ने मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल एवं न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ को बताया कि झड़प में कथित रूप से शामिल एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) को निलंबित कर दिया गया है और एक अन्य का तबादला कर दिया गया है.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश मामले में न्यायिक जांच करेंगे. इसके अलावा उच्च न्यायालय ने कहा कि किसी भी वकील के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

हाई कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान

घटना के संबंध में मीडिया में आयी खबरों पर स्वत: संज्ञान लेने के बाद मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल एवं न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ मामले में सुनवाई कर रही है.

मामले में अपराध शाखा का विशेष जांच दल जांच करेगा. पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि झड़प के संबंध में हत्या के प्रयास के आरोप समेत संबंधित धाराओं के तहत चार प्राथमिकी दर्ज की गई है.

अधिकारियों और चश्मदीदों के अनुसार शनिवार दोपहर को तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच झड़प में 20 पुलिसकर्मी तथा कई वकील घायल हो गये जबकि 17 वाहनों की तोड़फोड़ की गयी. पुलिस ने कहा कि घायल 20 पुलिसकर्मियों में दो थाना प्रभारी और एक अतिरिक्त आयुक्त शामिल हैं. पुलिस ने दावा किया कि घटना में आठ वकील घायल हुए हैं.


यह भी पढ़ें: तीस हजारी अदालत में पुलिसकर्मियों, वकीलों के बीच झड़प, गाड़ी को जलाया


हालांकि, वकीलों का दावा है कि पुलिस ने जो आंकड़ा बताया है उससे अधिक संख्या में उनके सहकर्मी घायल हुए हैं. उन्होंने दावा किया कि पुलिस की गोली लगने से दो वकील घायल हुए हैं जबकि पुलिस ने गोलीबारी के आरोपों से इनकार किया है और कहा कि उसने हवा में गोली चलायी थी.

बंद कमरे में हुई बैठक

महापंजीयक (आरजी) दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश और उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीशों ने सुबह बंद कमरे में बैठक की. उन्होंने बताया कि बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और दिल्ली सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव भी शामिल थे.

उन्होंने बताया कि बैठक खत्म होने के बाद अदालत ने दोपहर बाद दिन में एक बजे सुनवाई करने का फैसला किया.

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने दिल्ली उच्च न्यायालय को पत्र लिखकर मामले में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ धारा 307 (हत्या का प्रयास) एवं शस्त्र अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की खातिर दिल्ली के उपराज्यपाल एवं अन्य अधिकारियों से इस संबंध में अनुमति लेने का अनुरोध किया.

पत्र में इसके लिये जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को तुरंत गिरफ्तार करने और उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच शुरू करने का अनुरोध किया गया है.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

Exit mobile version