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छत्तीसगढ़ में ढाई माह पहले गैंगरेप की शिकार हुई आदिवासी युवती का शव कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा

आदिवासी युवती से गैंगरेप का खुलासा उस वक्त हुआ जब पीड़िता के पिता ने 5-7 अक्टूबर के बीच दो बार आत्महत्या करने की कोशिश की.

पीड़िता का शव लेकर जाते हुए पुलिस की टीम/स्पेशल अरेंजमेंट

रायपुर: उत्तर प्रदेश के हाथरस और बलरामपुर की गैंगरेप की घटनाओं से सीख लेते हुए छत्तीसगढ़ पुलिस ने ढाई महीने पुराने मामले में पीड़िता के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. घटना छत्तीसगढ़ के कोंडागांव के धनोरा थाना क्षेत्र की है. पीड़िता ने घटना के दूसरे दिन घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.

ढाई महीने बाद हलचल में आई छत्तीसगढ़ पुलिस ने बताया कि परिजनों ने 7 अक्टूबर को ही केस दर्ज कराया गया है और बुधवार देर रात सात आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कराया गया है जिसमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया है. पीड़ित युवती का गैंगरेप 19 जुलाई की रात को हुआ जिसके बाद पीड़िता ने मानसिक तनाव में आकर अगले दिन आत्महत्या कर ली थी.

बस्तर के आई जी सुन्दराज पी ने दिप्रिंट को बताया, ‘घटना की जानकारी मिलते ही केस IPC की धारा 363, 376(घ), 201, 34 के तहत दर्ज कर लिया गया है और देर रात तक 4 अपराधियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया. प्रशासनिक अनुमति के बाद पीड़िता के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. इसके साथ ही एक एसआईटी भी गठित की गई है, जो मामले की विस्तृत जांच करेगी.’


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खुलासा

आदिवासी युवती से गैंगरेप का खुलासा उस वक्त हुआ जब पीड़िता के पिता ने 5-7 अक्टूबर के बीच दो बार आत्महत्या करने का प्रयास किया जिसकी जानकारी मीडिया को लग गई. पीड़िता के परिजनों के अनुसार उसके पिता बेटी की मृत्यु के बाद लगातार तनाव में रह रहे हैं.

उन्होंने पहले 4 अक्टूबर को जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया लेकिन परिजनों ने समय पर अस्पताल में भर्ती कराया और उनको बचा लिया. अगले दिन पीड़िता के पिता अस्पताल से बिना किसी की जानकारी के वापस आ गए और घर पहुंचकर असामान्य बर्ताव करने लगे. इस दौरान उन्होंने दोबारा आत्महत्या करने की कोशिश की, जिसकी जानकारी मीडिया को लग गई. इस बार भी पीड़िता के पिता को बचा लिया गया है.

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यहीं पर दफनाई गई थी पीड़िता जहां पुलिस वालों ने खुदाई कर उसके शव को निकाला है/स्पेशल अरेंजमेंट

क्या हुआ था उस दिन

घटना की पूरी जानकारी पीड़िता के चाचा अमरू कावड़े और वारदात वाले दिन उसके साथ रही उसकी एक सहेली ने दी. सहेली ने बताया कि 19 जुलाई को पीड़िता और वह एक शादी में शामिल होने के लिए पास के कनागांव गए थे. समारोह के दौरान कनागांव और फुंडेर गांव के रहने वाले नशे में धुत 7 युवकों ने पीड़िता को शादी वाले घर से जबरन उठाकर जंगल की ओर ले गए जहां उसके साथ गैंगरेप किया. लेकिन पीड़िता बदहवास हालात में देर रात किसी तरह शादी स्थल पर वापस आ गई और उसके साथ हुए दुराचार के बारे में सहेली को बताया.

सहेली (सुरक्षा की दृष्टी से नाम नहीं लिखा जा रहा है) के अनुसार, ‘जब उसकी दोस्त घटना की जानकारी दे रही थी तो उसके शरीर से काफी खून निकल रहा था.’

सहेली का कहना है कि आरोपियों ने उसे भी ले जाने का प्रयास किया था लेकिन वह किसी तरह उनके चंगुल से भाग निकली.

पीड़िता की सहेली ने आगे बताया, ‘आरोपियों ने घटना की जानकारी घरवालों को देने पर दोनों को जान से मारने की धमकी दी थी. इसी डर की वजह से वह चुप रही और घर मे किसी को कुछ नही बताया.’ हालांकि बात पूरे शादीवाले घर में फैल चुकी थी और दूसरे दिन पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

यहीं पर दफनाई गई थी पीड़िता जहां पुलिस वालों ने खुदाई कर उसके शव को निकाला है/स्पेशल अरेंजमेंट

 मामले को दबाने की कोशिश, होगी जांच

अमरु कावड़े ने बताया कि घटना के कुछ दिनों बाद धनोरा थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी रमेश शोरी ने उनको थाना बुलाकर कहा था कि पुलिस को अनाचार और आत्महत्या दोनों घटनाओं की जानकारी मिल गयी है.

कावड़े ने बताया कि थाना प्रभारी ने एफआईआर दर्ज करने और कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया था. थाना प्रभारी ने परिजनों को इसके लिए तैयार रहने और गवाही देने को कहा था जिससे परिवार को कोई आपत्ति नही थी. लेकिन उसके बाद 7 अक्टूबर तक आरोपियों में खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नही हुई थी. आरोपी स्वतंत्र होकर घूम रहे थे.

पीड़िता के परिजनों द्वारा धनोरा थाना के प्रभारी द्वारा जानकारी लेने बावजूद कोई कार्यवाई नहीं किए जाने की बात पर कोंडागांव के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने बताया की उनकी बात का संज्ञान ले लिया गया है और जांच की जाएगी.

तिवारी ने कहा, ‘धनोरा थाना प्रभारी द्वारा पीड़िता के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में कार्यवाई नहीं करने की बात संज्ञान में आई है. मामले को जांच टीम को सौंप दिया गया है. पीड़िता के परिजनों द्वारा उठए गए मुद्दों की पूरी तरह से जांच की जाएगी. जांच में यदि किसी पुलिस अधिकारी के खिलाफ आरोप सही पाए गए तो उचित कार्यवाई की जाएगी.’


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