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छत्तीसगढ़ में नक्सलियों में बढ़ते मतभेद से हो रहा है गैंगवार, बढ़ सकती हैं हिंसक घटनाएं

बस्तर के पुलिस अधिकारियों  का कहना है कि नक्सलियों में पनप रहा विवाद गैंगवार कर रूप ले रहा है. इसका मुख्य कारण नक्सलियों द्वारा मुखबिरी के शक में ग्रामीणों की हत्याएं और कैडर सदस्यों द्वारा लगातार सरेंडर करना हैं.

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बस्तर के जंगल में नक्सली खाना बनाते हुए, फाइल फोटो (प्रतीकात्मक तस्वीर) | विशेष व्यवस्था से.

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार और पुलिस के बड़े अधिकारियों का दावा है कि नक्सलियों के बीच बढ़ते आपसी मतभेद की वजह से अब वे अपने ही साथियों की हत्या करने लगे हैं. बस्तर के पुलिस अधिकारियों  का कहना है कि नक्सलियों में पनप रहा विवाद गैंगवार कर रूप ले रहा है. इसका मुख्य कारण नक्सलियों द्वारा मुखबिरी के शक में ग्रामीणों की हत्याएं और कैडर सदस्यों द्वारा लगातार सरेंडर करना हैं.

बता दें कि महज पिछले पांच-छह दिन पहले ही नक्सिलयों ने गैंगवार में गंगलूर थाना क्षेत्र के ईतावर गाव के जंगल में अपने ही डिवीज़नल कमेटी के सदस्य और 10 लाख के इनामी माओवादी मोड़ियम विज्जा की हत्या आपसी विवाद में कर दी है. विज्जा के अलावा आपसी विवाद में मारे जाने वाले नक्सलियों में 3 लाख का इनामी और जनताना प्रभारी लखु हेमला और साकिन कावनारगट्टा क्षेत्र का राज्य स्तरीय दंडकारण्य जोनल कमेटी का रेंज अध्यक्ष संतोष शामिल हैं.

अधिकारियों द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार नक्सलियों ने इस वर्ष करीब ’60 ग्रामीणों को पुलिस का मुखबिर’ बताकर मौत के घाट उतार दिया.

गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के नक्सलियों द्वारा ग्रामीणों की नृशंस हत्याएं उनके खात्मे का कारण बनेगी के बयान के बाद अब राज्य पुलिस के अधिकारियों का दावा है कि पिछले एक महीने में छः इनामी नक्सलियों की हत्याएं उनके आपसी मतभेद और आशंकाओं के चलते हुई हैं.

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि निर्दोष ग्रामीणों को  मुखबिर बताकर जिस तरह मारा जा रहा है उससे कुछ नक्सली अब अपने ही साथियों का विरोध करने लगे हैं.

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इस विरोध के चलते अब वे कैडर के लोगों पर अपनी धाक बनाए रखने के लिए एक दूसरे की हत्याएं भी कर रहें हैं. इतना ही नहीं अधिकारियों का मानना है कि नक्सली अपने साथियों की हत्या उनके लड़कों द्वारा किए जा सरेंडर को रोकने के लिए भी कर रहे हैं. हत्याओं के माध्यम से वे सरेंडर करने की सोच रहे अन्य साथियों को चेतावनी भी देना चाहते हैं.


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नक्सलियों में गैंगवार

बस्तर के पुलिस महानिदेशक सुन्दराज पी ने दिप्रिंट को बताया, ‘माओवादी संगठन में ग्रामीणों की हत्याओं को लेकर आपसी मतभेद अब धीरे- धीरे एक गैंगवार का रूप ले रहा है जिसके कारण वे एक-दूसरे को मार रहे हैं.

बस्तर पुलिस के पास पुख्ता जानकारी है कि ग्रामीणों पर हो रही अत्याचार को लेकर आपसी विवाद में बीजापुर जिले में पिछले एक माह में छः माओवादियों की हत्या हो चुकी है.’

आईजी बस्तर कहते हैं, ‘पांच-छः दिन पूर्व नक्सलियों ने गंगलूर थाना क्षेत्र के ईतावर गांव के जंगल में अपने गंगालूर डिवीज़नल कमेटी सदस्य और 10 लाख के इनामी माओवादी मोड़ियम विज्जा की हत्या आपसी विवाद के चलते कर दिया.

विज्जा के साथ सीपीआई (माओवादी) की गंगालूर एरिया कमेटी सचिव दिनेश मोड़ियम के साथ विवाद हो गया था. विवाद बढ़ने के चलते दिनेश ने विज्जा पर हमला कर दिया और उसकी हत्या कर दी गई. सुन्दराज और विभाग के दूसरे अफसरों ने जानकारी दी कि माओवादियों द्वारा लगातार की जा रही ग्रामीणों  की हत्याओं से लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. ‘इससे माओवादिओं में निराशा बढ़ रही है और संगठन में एक गैंगवार जैसा माहौल बन रहा है.’

आईजी के अनुसार माओवादियों की कुंठा का एक कारण उनके प्रति स्थानीय युवाओं में नक्सल के प्रति घटती लोकप्रियता भी है. विज्जा के अलावा आपसी विवाद में मारे जाने वाले नक्सलियों में 3 लाख का इनामी और जनताना प्रभारी लखु हेमला और साकिन कावनारगट्टा क्षेत्र का राज्य स्तरीय दंडकारण्य जोनल कमेटी का रेंज अध्यक्ष संतोष शामिल हैं.

संतोष भी 3 लाख रुपए का ईनामी नक्सली था. इनके अलावा जनमिलिशिया कमाण्डर कमलू पुनेम, जनमिलिशिया प्लाटून सेक्शन कमाण्डर संदीप उर्फ बुधराम कुरसम, एक अन्य जनताना सरकार अध्यक्ष दसरू मण्डावी भी नक्सलियों की आपसी फूट के चलते ही मारे गए हैं.

बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप ने दिप्रिंट को बताया, ‘प्रदेश में माओवादियों के डिवीज़नल कमेटी लेवल के कमांडरों में आपसी तनाव लगातार बढ़ रहा है. इसका एक कारण नक्सली लड़कों और अन्य कैडर सदस्यों द्वारा सरेंडर और वहीं दूसरी युवा ग्रामीण माओवाद विचारधारा को अपनाने को तैयार नहीं होना है.’

कश्यप ने कहा, ‘यह जानकारी पुख्ता है कि नक्सलियों में मतभेद अब हिंसक रूप लेने लगा है. लेकिन यह स्थिति अभी नक्सलियों के डिवीज़नल कमेटी तक ही सीमित है. उसके ऊपर राज्य स्तरीय नेतृत्व और सेंट्रल कमेटी में हालात सामान्य हैं.’

‘बढ़ सकते हैं नक्सली हमले’

अधिकारियों में नक्सलियों की आपसी फूट को लेकर एक ओर जहां खुशी है वहीं इस बात को लेकर शंका भी है कि आने वाले दिनों में उनके द्वारा हिंसक वारदातें बढ़ सकती हैं.

विज्जा के मारे जाने के बाद सुरक्षाबलों को अब और अधिक अलर्ट रहने की हिदायत दी गई है. कश्यप कहते हैं, ‘अपनी ओर से ध्यान भटकाने के लिए नक्सली आने वाले दिनों में हिंसक घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं. इस संबंध में खुफिया सूचनाएं भी मिल रही हैं. सुरक्षाबल पूरी तरह से अलर्ट हैं.’

कश्यप के अनुसार आशंका यह भी है कि नक्सलियों के बीच विवाद के चलते कुछ और भी माओवादी कमांडर मारे जा सकते हैं. बीजापुर एसपी ने यह साफ किया, ‘ग्रामीणों को मारने और उनमें दहशत फैलाने के मामलों में आपसी मतभेद के चलते नक्सलियों में रंजिश लगातार बढ़ रही है.’


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