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‘इसे दिवाली की तरह मनाएं’, राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले RSS करेगा देशव्यापी कलश यात्रा

'हर एक भारतीय परिवार' तक पहुंचने के उद्देश्य से घर-घर जन संपर्क कार्यक्रम 1 जनवरी से शुरू होगा और 15 दिनों तक चलेगा. जानकारी के अनुसार इसमें लगभग 35,000 स्वयंसेवक शामिल होंगे.

राम मंदिर उद्घाटन की चल रही तैयारियों की फाइल फोटो | मनीषा मंडल | दिप्रिंट

अयोध्या: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर के भव्य समारोह के लिए उलटी गिनती शुरू होने के साथ ही, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने लोगों को देशव्यापी समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित करने के लिए एक व्यापक आउटरीच कार्यक्रम शुरू किया है, दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है.

कलश यात्रा के माध्यम से 1 जनवरी से शुरू होने वाली 15 दिवसीय ड्राइव – आरएसएस कार्यकर्ताओं का लक्ष्य भारत के हर घर में पूजित अक्षत (हल्दी के साथ चावल के दाने) और राम मंदिर की एक तस्वीर पहुंचाना है. वे लोगों से प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दिन दीये जलाने का भी आग्रह करेंगे.

आरएसएस के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लक्ष्य का एक हिस्सा कलश यात्रा में शामिल 35,000 स्वयंसेवकों के साथ देश भर के 22,000 गांवों तक पहुंचना है.

पदाधिकारी ने कहा, “इस कलश यात्रा को किसी धार्मिक आयोजन के लिए लोगों से लोगों तक पहुंचने वाले सबसे बड़े कार्यक्रम के रूप में चिह्नित किया जाएगा.”

अयोध्या में आरएसएस के प्रचारक कृष्ण चंद्र ने दिप्रिंट को बताया, “सभी राज्यों के हमारे प्रचारकों को लोगों को अपने घरों पर दीये जलाने के लिए आमंत्रित करने का काम सौंपा गया है क्योंकि भगवान राम भव्य मंदिर में वापस आ रहे हैं. हम चाहते हैं कि पूरे भारत में लोग उस दिन दीपावली मनाएं.”

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आरएसएस कार्यकर्ताओं ने दिप्रिंट को बताया कि कलश यात्रा देश के हर गांव, कस्बे और शहर को कवर करेगी. 10 क्विंटल पूजित अक्षत से भरे पीतल के बर्तन (कलश) को आरएसएस कार्यकर्ताओं द्वारा अयोध्या से संबंधित राज्यों में पहुंचाया गया है. वहां से इन्हें स्थानीय टीमों द्वारा जिलों, ब्लॉकों, ग्राम सभाओं और गांवों में वितरित किया जाएगा.

आरएसएस कार्यकर्ताओं ने कहा कि अयोध्या में ही 10 क्विंटल पूजित अक्षत के साथ 15 कलश वितरित किए जाएंगे.

चंद्र ने कहा, “यह अभियान डोर-टू-डोर अभियान के रूप में आयोजित किया जाएगा. ऐतिहासिक रूप से निमंत्रण इसी प्रकार भेजे जाते थे. मंदिर में चावल की पूजा की जाएगी और निमंत्रण के रूप में लोगों के बीच वितरित किया जाएगा.”


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टीमें तैयार,  ट्रेनिंग शुरू

150 परिवारों को कवर करने के लिए चार-चार स्वयंसेवकों की टीमें बनाई गई हैं. आरएसएस पदाधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया कि उन्हें राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के महत्व और विवरण को समझाने के लिए प्रत्येक परिवार के साथ कम से कम 15 मिनट बिताने के लिए प्रशिक्षित किया गया है.

उनके अनुसार, टीमों का प्रशिक्षण रविवार को उनके संबंधित राज्य मुख्यालय में शुरू हुआ. स्वयंसेवकों को सिखाया गया कि लोगों के साथ कैसे व्यवहार करना है और कैसे संवाद करना है. पदाधिकारियों ने कहा, एक स्क्रिप्ट तैयार की गई और स्वयंसेवकों को हर जगह बताने के लिए समान जानकारी दी गई.

इस बीच, आरएसएस कार्यकर्ताओं ने दिप्रिंट को बताया कि पूरे भारत में मंदिरों को प्रतिष्ठा के समय हवन (अग्नि पूजन) और प्रार्थना करने के लिए कहा गया है.

नाम न छापने की शर्त पर आरएसएस के एक पदाधिकारी ने कहा, “लोगों को अपने स्थानीय मंदिरों में इकट्ठा होना चाहिए, उन्हें सजाना चाहिए, दीये जलाने चाहिए और प्रार्थना करनी चाहिए.”

पदाधिकारी ने कहा, “परिवारों को कम से कम 11 दीये जलाने के लिए भी कहा जाएगा, जिसे एक शुभ संख्या माना जाता है. परिवारों को अपने घरों और पड़ोस को दिवाली से पहले जैसी साफ-सफाई करने के लिए भी कहा जाएगा.”

(संपादन: अलमिना खातून)
(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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