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ब्रिटिश PM ने भारत के साथ ‘पावरहाउस पार्टनरशिप’ की बात कही, नई दिल्ली-मास्को संबंधों को ‘अलग’ बताया

बोरिस जॉनसन ने अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा के पहले दिन गुरुवार को ब्रिटेन और भारत के बीच आईटी, स्वास्थ्य और इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्रों में 1 बिलियन पाउंड के संयुक्त निवेश की घोषणा की.

साबरमती आश्रम में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन साबरमती रिवरफ्रंट के सामने । क्रेडिटः पीटीआई फोटो

नई दिल्ली: ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा के पहले दिन गुरुवार को ब्रिटेन और भारत के बीच आईटी, इलेक्ट्रिक वाहनों और स्वास्थ्य क्षेत्रों में 1 बिलियन पाउंड के संयुक्त निवेश की घोषणा की.

गुरुवार तड़के गुजरात पहुंचे जॉनसन ने कहा, ‘हमारी पावरहाउस साझेदारी रोजगार, विकास और हमारे लोगों के लिए अवसर प्रदान कर रही है और आने वाले सालों में इसे और मजबूती ही मिलेगी.’

रूस-यूक्रेन युद्ध और रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में वोटिंग से परहेज करने के लिए भारत को जिस तरह पश्चिमी देशों की आलोचना सहनी पड़ी है, उस पर जॉनसन ने कहा कि मॉस्को के साथ नई दिल्ली के संबंध उनके देश और रूस के बीच संबंधों से अलग हैं.

उन्होंने कहा, ‘जैसा मुझे लगता है कि हर कोई इस बात को समझता है, भारत और रूस के बीच संबंध ऐतिहासिक हैं और संभवत: पिछले कुछ दशकों में रूस और यूके के बीच रहे संबंधों से काफी अलग हैं. हमें उस वास्तविकता को ध्यान में रखना होगा, लेकिन स्पष्ट तौर पर मैं इसके बारे में नरेंद्र मोदी से बात करूंगा.’ साथ ही बुचा में हत्याओं की भारत की तरफ से निंदा किए जाने को सराहा.

बतौर ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन की यह पहली भारत यात्रा है. उनके पहले ही भारत आने की उम्मीद थी—जब उन्हें 2021 के गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित करने की घोषणा की गई थी—लेकिन कोविड महामारी के कारण यात्रा टल गई थी.

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‘ब्रिटेन में 11,000 नई नौकरियां’

जॉनसन ने कहा कि सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग से लेकर स्वास्थ्य क्षेत्रों तक में किए गए निवेश से पूरे ब्रिटेन में 11,000 नई नौकरियां पैदा होंगी.

जॉनसन ने कहा, ‘आज जब मैं भारत आया हूं, तो मुझे इसकी अपार संभावनाएं दिख रही हैं कि हम दो महान देश मिलकर क्या हासिल कर सकते हैं. अगली पीढ़ी के 5जी टेलीकॉम और एआई से लेकर स्वास्थ्य अनुसंधान और नवीकरणीय ऊर्जा में नई साझेदारी तक—भारत और ब्रिटेन मिलकर पूरी दुनिया में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं.’

उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेनभर के व्यवसाय अपने देश में और भारत में भी रोजगार के अधिक अवसर उत्पन्न करने को ध्यान में रखते हुए ‘व्यापार संबंधी बाधाओं को कम’ करेंगे.

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘ब्रिटिश और भारतीय कंपनियां आज सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग से लेकर स्वास्थ्य क्षेत्रों तक में एक बिलियन पाउंड के नए निवेश और निर्यात सौदे कर रही हैं, जिससे ब्रिटेन में लगभग 11,000 नौकरियां उत्पन्न होंगी’

ब्रिटिश पीएमओ के मुताबिक, एक बिलियन पाउंड के निवेश में ब्रिटेन में एक नए स्विच मोबिलिटी इलेक्ट्रिक बस आरएंडडी सेंटर और चेन्नई में उसके एशिया पैसिफिक मुख्यालय के उद्घाटन तक शामिल होगा, जिससे ब्रिटेन में और भारत में 1,000 से अधिक नौकरियां पैदा होंगी.

इसमें बताया गया है कि दक्षिण-पूर्व में एक नई साइट के विस्तार के लिए भारत फोर्ज और इलेक्ट्रिक ट्रक निर्माता तेवा मोटर्स द्वारा भी निवेश किया जाएगा.

ब्रिटिश पीएमओ ने कहा कि भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी मास्टेक अगले तीन वर्षों में ब्रिटेनभर में 1,600 नौकरियां उत्पन्न करने के लक्ष्य के साथ 79 मिलियन पाउंड का निवेश करने वाली है.

रक्षा सौदों की घोषणा कर सकते हैं भारत-ब्रिटेन, FTA पर भी चर्चा संभव

सूत्रों ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच शुक्रवार को रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होने की संभावना है, जब जॉनसन द्विपक्षीय बैठक के लिए नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे.

जैसा गुजरात दौरे के समय ही जॉनसन ने कहा, ‘हमारे लिए अपनी सुरक्षा और रक्षा साझेदारी को बढ़ाने का एक अच्छा मौका है.’

उन्होंने कहा, ‘जैसा आप जानते हैं कि रक्षा और सुरक्षा रणनीति के मामले में ब्रिटेन का झुकाव इंडो-पैसिफिक की तरफ रहा है…जो कि विश्व अर्थव्यवस्था के विशाल हिस्से और इस क्षेत्र में नजर आने वाले वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास के मद्देनजर सही भी है.

उन्होंने कहा, ‘भारत और ब्रिटेन दोनों ही दुनियाभर में निरंकुशता को लेकर चिंताएं साझा करते हैं, हम दोनों लोकतंत्र हैं और एकजुट होकर साथ रहना चाहते हैं.’

जॉनसन ने अहमदाबाद में रक्षा और एयरोस्पेस प्रौद्योगिकियों पर चर्चा के लिए अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी से मुलाकात भी की.

अडानी ने एक ट्वीट में लिखा, ‘गुजरात दौरे पर आए पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री की अडानी हेडक्वार्टर में मेजबानी करते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है. अक्षय ऊर्जा, ग्रीन एच2 और नई ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करते हुए जलवायु और सतत विकास के एजेंडे का समर्थन करने में भी खुशी हो रही है. हम रक्षा और एयरोस्पेस प्रौद्योगिकियों के सह-निर्माण के लिए ब्रिटेन की कंपनियों के साथ मिलकल काम भी करेंगे. #आत्मनिर्भर भारत.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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