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UK के नए वीज़ा नियम भारतीय छात्रों, श्रमिकों और उनके आश्रितों को कैसे करेंगे प्रभावित

इमिग्रेशन ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक भारतीय छात्रों के लिए ब्रिटेन एक पसंदीदा स्थान रहा है. भारतीय विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में लगभग 55,000 भारतीय छात्र यूके में पढ़ रहे थे.

भारतीय मूल के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फाइल फोटो | ANI

नई दिल्ली: यूनाइडेट किंगडम ने छात्रों के लिए वीज़ा से संबंधित नए नियम पेश किए हैं जो एक जनवरी से विदेशों में पढ़ने वाले छात्रों को अपने माता-पिता, रिश्तेदारों या बच्चों को अपने साथ लाने से रोकेंगे, जब तक कि वे पीएचडी या पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च कोर्स न कर रहे हों.

डिपेंडेंट वीज़ा के तहत, ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को छोड़कर, अंतरराष्ट्रीय छात्र, पति/पत्नी और बच्चों सहित अपने परिवार के सदस्यों को यूके ला सकते हैं. नए प्रतिबंध पोस्ट ग्रेजुएट स्तर और नॉन-रिसर्च कोर्स में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को प्रभावित करेंगे.

इमिग्रेशन ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक भारतीय छात्रों के लिए ब्रिटेन एक पसंदीदा स्थान रहा है. भारतीय विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में लगभग 55,000 भारतीय छात्र यूके में पढ़ रहे थे.

यूके के गृह विभाग के आंकड़ों से पता चला है कि जून 2023 को समाप्त वर्ष में भारतीयों को 1,42,848 पढ़ने के लिए Sponsored वीज़ा दिए गए थे – जो कि जून 2022 को समाप्त वर्ष की तुलना में 54 प्रतिशत की वृद्धि है.

जून 2023 में जारी किए गए 5,00,000 Sponsored यूके अध्ययन-संबंधी वीज़ा में से लगभग 1,54,000 छात्रों के आश्रितों को दिए गए थे. यूके गृह विभाग के अनुसार, इस दौरान Sponsored यूके अध्ययन वीज़ा में भारतीयों की हिस्सेदारी लगभग एक तिहाई थी.

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नए नियमों के तहत यह भी ज़रूरी है कि पीएचडी करने वालों को कुशल श्रमिक वीज़ा जैसे वर्किंग वीज़ा पर स्विच करने से पहले कम से कम 24 महीने तक पढ़ना होगा. छात्रों को अपने वर्किंग वीज़ा पर स्विच करने से पहले अपनी पढ़ाई भी पूरी करनी होगी और नौकरी शुरू करने की तारीख भी बतानी होगी.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऋषि सुनक सरकार ग्रेजुएशन वीज़ा प्रावधान की भी समीक्षा करेगी, जो स्टूडेंट्स को कोर्स पूरा करने के बाद कम से कम दो साल तक यूके में रहने की अनुमति देता है, ताकि सिस्टम के “दुरुपयोग” को रोका जा सके.

ये उपाय ब्रिटिश सरकार के इमिग्रेशन कानूनों में बदलाव का हिस्सा हैं – प्रधानमंत्री के रूप में सुनक के मुख्य लक्ष्यों में से एक “बॉट्स को रोकना” है.


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श्रमिकों के लिए वीज़ा नियम

यूके सरकार ने विदेशी सामाजिक देखभाल और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को अपने सहयोगियों या बच्चों को देश में लाने पर भी रोक लगा दी है. कई लोगों का मानना है कि इस तरह के उपाय श्रमिकों को देश में आने से हतोत्साहित करेंगे, जिससे कर्मचारियों की कमी बढ़ जाएगी.

सरकार ने ब्रिटिश नागरिकों के लिए विदेशी परिवार के सदस्य या साथी को अपने साथ रहने के लिए लाने के लिए ज़रूरी न्यूनतम आय को भी £18,600 प्रति वर्ष से बढ़ाकर £38,700 कर दिया है.

पिछले साल नेट माइग्रेशन – ब्रिटेन में रहने के लिए आने वाले लोगों और छोड़ने वालों की संख्या के बीच का अंतर – ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में माइग्रेशन ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, कोविड महामारी से पहले 2019 में 1,84,000 से रिकॉर्ड 7,45,000 तक पहुंच गया.

मंगलवार को, सुनक ने घोषणा की कि देश में पुराने शरण दावों का बकाया पिछले वर्ष की तुलना में कम अनुदान दर के साथ क्लियर कर दिया गया है.

हालांकि, मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, कुल शरण बैकलॉग अब 99,000 है. गृह सचिव जेम्स क्लेवरली ने कथित तौर पर स्वीकार किया कि गृह विभाग अभी भी 4,500 “जटिल” मामलों से निपट रहा है, जिनमें से कुछ में सुरक्षा संबंधी चिंताएं भी शामिल हैं.

(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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