होम देश महिलाओं के विवाह की न्यूनतम आयु 21 साल करने संबंधी विधेयक लोकसभा...

महिलाओं के विवाह की न्यूनतम आयु 21 साल करने संबंधी विधेयक लोकसभा में अगले हफ्ते होगा पेश

सरकार महिलाओं के विवाह की न्यूनतम उम्र में परिवर्तन करना चाहती है. इसके लिए लोकसभा में विधेयक अगले हफ्ते पेश किया जाएगा.

भारतीय हिंदू की पारंपरिक शादी | पिग्जल्स

नई दिल्लीः सरकार ने शुक्रवार को संसद में यह घोषणा की कि लड़कियों के विवाह की न्यूनतम कानूनी आयु को 18 साल से बढ़ाकर पुरुषों के बराबर 21 साल करने संबंधी विधेयक को अगले सप्ताह लोकसभा में पेश किया जाएगा.

लोकसभा में संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने अगले सप्ताह सदन में होने वाले सरकारी कामकाज की जानकारी देते हुए यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि बाल विवाह (रोकथाम) संशोधन विधेयक को अगले सप्ताह पेश करने के बाद चर्चा कर पारित किया जाएगा.

राज्यसभा में संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने इस आशय की जानकारी देते हुए कहा कि बाल विवाह (रोकथाम) संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश करने और पारित करने के बाद इसे उच्च सदन में चर्चा एवं पारित करने के लिए रखा जाएगा.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को बाल विवाह (रोकथाम) अधिनियम 2006 में संशोधन को मंजूरी दी थी. इस संशोधन के तहत लड़कियों के विवाह की न्यूनतम कानूनी आयु को 18 साल से बढ़ाकर पुरुषों के बराबर 21 साल करने का प्रावधान है.

मौजूदा कानूनी प्रावधान के तहत लड़कों के विवाह लिए न्यूनतम आयु 21 साल और लड़कियों के लिए 18 साल निर्धारित है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

उल्लेखनीय है कि संसद का मौजूदा शीतकालीन सत्र 23 दिसंबर तक चलने का कार्यक्रम है और आज के बाद कुल चार बैठक निर्धारित हैं.

 

Exit mobile version