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कोविड-19 केंद्रों की हालत डिटेंशन सेंटर्स से भी खराब बताने वाले असम के विधायक को किया गया गिरफ्तार

राज्य पुलिस प्रमुख ज्योति महंत ने बताया कि अखिल भारतीय संयुक्त गणतांत्रिक मोर्चा (एआईडीयूएफ) के ढिंग निर्वाचन क्षेत्र से विधायक अमीनुल इस्लाम को प्राथमिक जांच के बाद आज सुबह गिरफ्तार किया गया.

सिलचर जेल के भीतर डिटेंशन सेंटर है | फाइल फोटो: रुही तिवारी/दिप्रिंट

गुवाहाटी: असम में एक विपक्षी विधायक को कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए बनाए गए अस्पतालों की हालत, निरोध केन्द्रों से बदतर बताने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

राज्य पुलिस प्रमुख ज्योति महंत ने बताया कि अखिल भारतीय संयुक्त गणतांत्रिक मोर्चा (एआईडीयूएफ) के ढिंग निर्वाचन क्षेत्र से विधायक अमीनुल इस्लाम को प्राथमिक जांच के बाद आज सुबह गिरफ्तार किया गया. विधायक की एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी, जिसमें वह एक अन्य व्यक्ति के साथ बातचीत में पृथक केन्द्रों और अस्पतालों की कथित तौर पर उपेक्षा कर रहे थे.

उन्होंने कथित तौर पर यह भी कहा कि वहां रहने की सुविधा निरोध केन्द्र से बदतर है. असम में सैकड़ों अवैध प्रवासी निरोध केन्द्रों में हैं.

महंत ने कहा, ‘हमने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है.’

उन्होंने बताया कि असम विधानसभा अध्यक्ष को इस बारे में सूचित कर दिया गया है.

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इस्लाम को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गौतम डी की अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 14दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

अधिकारियों ने बताया कि विधायक को नौगांव केन्द्रीय कारागार भेजा गया है.

बदरूद्दीन अजमल की अगुवाई वाली पार्टी ने विधायक के इस बयान से खुद को अलग कर लिया है. पार्टी का कहना है कि ये विधायक के अपने विचार हैं. पार्टी इनका समर्थन नहीं करती है. वहीं भाजपा ने इस मुद्दे पर पार्टी पर जम कर प्रहार किया है.

नौगांव के पुलिस अधीक्षक गौरव अभिजीत दिलीप ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘पूछताछ के दौरान इस्लाम ने कुबूल किया कि क्लिप में सुनाई दे रही आवाज उन्हीं की है और उन्होंने स्वीकार किया कि क्लिप उन्होंने ही बनाई थी. क्लिप उनके मोबाइल फोन पर भी थी इसलिए हमने उनका फोन जब्त कर लिया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने यह क्लिप कुछ लोगों को फॉरवर्ड भी की है.’

पूरी घटना पर भाजपा विधायक रूपक शर्मा ने कहा कि विधायक पहले भी कई मौकों पर सांप्रदायिक बयान दे चुके हैं और हमें उन पर शर्म आती है. इस वक्त हिंदू -मुसलमान जैसा कुछ नहीं है. हमारी लड़ाई सिर्फ कोविड-19 से है. हमें लोगों को बचाने की जरूरत है.

असम में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 26 पहुंची

असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य में तबलीगी जमात से ताल्लुक रखने वाले एक व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.

यह मामला राष्ट्रीय राजधानी के निजामुद्दीन में एक धार्मिक सम्मेलन से जुड़ा है. राज्य में कुल संक्रमित लोगों की संख्या 26 तक पहुंच गई है. मंत्री ने ट्वीट किया कि यह नया मामला धुबरी का है और व्यक्ति ने निजामुद्दीन के धार्मिक सम्मेलन में हिस्सा लिया था.

राज्य के कुल 26 मामलों में से 25 किसी न किसी तरह से निजामुद्दीन के धार्मिक सम्मेलन से ही जुड़े हैं. इनमें पांच महिलाएं शामिल है.

स्वास्थ्य मंत्री ने तबलीगी जमात के नेताओं से चर्चा की और उनसे इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले लोगों की सूची जमा करने की अपील की है.

तबलीगी जमात के नेताओं ने लोगों से अपील की है कि सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले लोग आगे आएं और जांच कराएं. तमाम अपीलों के बाद भी आगे नहीं आने वाले लोगों पर मंत्री ने कार्रवाई की चेतावनी दी है.

स्वास्थ्य विभाग ने सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले 617 लोगों की अब तक पहचान की है और उनमें से 128 के नमूने लेने अभी बाकी है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि बंद के बाद लौटने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए ‘एंट्री परमिट’ लाने पर विचार कर रहे हैं.

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