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पुलवामा हमले के 4 दिन बाद केंद्रीय सुरक्षा बलों के लिए ‘भारत के वीर’ में 26 करोड़ 45 लाख जमा

'भारत के वीर' राहत कोष को सीआरपीएफ, बीएसएफ और एनएसजी और सीएपीएफ में समान रूप से वितरित किया जाता है. न कि किसी विशेष क्षेत्र में तैनात विशिष्ट बलों में.

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पुलवामा आतंकी हमले में शहीद जवान । पीटीआई

नई दिल्ली: पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के मारे जाने के एक हफ्ते से भी कम समय के भीतर गृह मंत्रालय के ‘भारत के वीर’ राहत कोष में पहले चार दिनों में 26.45 करोड़ रुपये जमा होने का रिकॉर्ड बना है. यह दान ड्यूटी के दौरान मारे जाने वाले केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवानों के परिवारों के लिए होते हैं.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने दिप्रिंट से कहा कि एकत्र हुई राशि एक प्रकार का रिकॉर्ड है. हमें पहले कभी इतना दान नहीं मिला. आम लोग एक विशिष्ट जवान के परिजनों के लिए अधिकतम 15 लाख रुपये तक का दान कर सकते हैं और इससे अधिक सारा धन पूरे सीएपीएफ के राहत कोष में जोड़ा जायेगा.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने दिप्रिंट से कहा कि यह देखकर खुशी होती है कि इतने लोग योगदान देने के लिए आगे आए हैं. उन्होंने कहा प्रत्येक परिवार के लिए 15 लाख रुपये की सीमा पहले दिन ही पहुंच गई थी. फंड से 40 जवानों के लिए एकमुश्त राशि का वितरण किया जाएगा और बाकी को आकस्मिकताओं और हमारे बहादुरों के लिए बचाया जाएगा. उम्मीद है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होगी.

सीएपीएफ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स है. राहत कोष का प्रबंधन सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया जाता है और सीएपीएफ के निदेशक जनरल द्वारा इसकी देखरेख की जाती है, जोकि राशि के बराबर वितरण का फैसला करते हैं.

भारत के वीर : राहत कोष

जो आम गलतफहमी है वो ये कि भारत के वीर फंड किसी विशेष क्षेत्र की विशेष फौज के लिए है. इस मामले में जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ- जो धन इकट्ठा होगा वो बराबर भागों में, ज़रूरत के हिसाब से सीएपीएफ में बांटा जायेगा. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘ ये फंड सभी सीएपीएफ के लिए है. ये एक सार्वजनिक ट्रस्ट है जहां या तो लोग पैसा किसी खास अफसर के परिवार के लिए दान दे सकते हैं, किसी खास बल के लिए या आम भारत के वीर कोष में.’

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उन्होंने साथ ही कहा ‘जब कोई व्यक्ति हमले में या किसी ऑपरेशन में मारा जाता है तो इस कोष से एक राशि मृतक के परिवारजनों को दी जाती है. ये हर सीआरपीएफ के लिए किया जाता है.’

इस अधिकारी ने दिप्रिंट को ये भी बताया कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अप्रैल 2017 में ये कोष स्थापित किया था और ये फैसला किया था कि अगर कोई ड़्यूटी पर रहते हुए मारा जाता है तो कम से कम एक करोड़ रुपया उसके परिवार को दिया जायेगा.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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