नई दिल्ली: अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीट्यूशन ऑन इनोवेशन अचीवमेंट (आरिया) 2020 में आईआईटी मद्रास को पहला स्थान मिला है. इसके पहले नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) 2020 में भी आईआईटी मद्रास पहले स्थान पर आया था.
आरिया में इस साल महिलाओं के लिए अलग से जोड़ी गई विशेष श्रेणी ‘हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन एक्सक्लूसिवली फॉर वीमेन’ में तमिलनाडु और दिल्ली के एक-एक संस्थानों का नाम शामिल है. इसमें पहले स्थान पर तमिलनाडु का अविनाशिलिंगम इंस्टीट्यूट फॉर होम साइंस एंड हायर एजुकेशन फॉर वीमेन और दिल्ली का इंदिरा गांधी टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वीमेन है.
आरिया में सबसे अहम माने जाने वाली ‘इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपॉर्टेंस, सेंट्रल यूनिवर्सिटीज़ एंड सीएफटीआईएस ‘ की जिस कैटेगरी में आईआईटी मद्रास को पहला स्थान हासिल हुआ है उसमें दूसरे नंबर पर आईआईटी बॉम्बे और तीसरे पर आईआईटी दिल्ली है.
इसके अलावा आरिया की अन्य चार कैटगरी में तेलंगाना, ओडिशा और महाराष्ट्र स्थित संस्थान पहले नंबर पर रहे. इस साल कुल 674 संस्थानों ने रैंकिंग में भाग लिया था.
प्राइवेट और सेल्फ़ फाइनांसड कॉलेज/इंस्टीट्यूट की कैटगरी में पहला नंबर तेलंगाना के एसआर इंजीनियरिंग कॉलेज को मिला, प्राइवेट और सेल्फ फाइनांसड यूनिवर्सिटी की कैटगरी में पहला स्थान ओडिशा के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रीयल टेक्नॉलजी खोर्दा को मिला है.
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गंवर्मेंट और गवर्मेंट एडेड यूनिवर्सिटी में पहला स्थान महाराष्ट्र के इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी को मिला और गवर्मेंट और गवर्मेंट एडेड कॉलेज की कैटगरी में पहला स्थान कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग पुणे को मिला.
गौरतलब है कि आरिया 2019 रैंकिंग में भी पहला स्थान आईआईटी मद्रास को ही हासिल हुआ था.
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‘इनोवेशन को मूवमेंट में बदलने की जरूरत’
रैंकिंग जारी किए जाने के बाद इससे जुड़े कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत के लिए इनोवेशन की बहुत ज़्यादा ज़रूरत है इसलिए इनोवेशन को मूवमेंट में तब्दील किए जाने की ज़रूरत है.’
उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि इनोवेशन को प्रेरित करने के लिए पिछले साल ये रैंकिंग शुरू की गई. महामारी में भी इस साल रैंकिंग का काम पूरा करना सराहनीय है.
कोरोना महामारी के दौरान इनोवेशन की अहमियत बताते हुए उन्होंने कहा, ‘ऐसी महामारी में भी कृषि इकलौता सेक्टर है जो चमक रहा है. इसके बावजूद आलू-प्याज़ समेत बाकी खाने की चीज़ें ख़रीदने वाला आम आदमी इसके लिए जो पैसे देता है वो किसान तक नहीं पहुंचता. इनोवेशन से इस स्थिति में बदलाव आ सकता है.’
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‘शिक्षा नीति पर तेजी से काम शुरू होगा’
इस कार्यक्रम के दौरान शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा, ‘आज से नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन का काम तेज़ी से शुरू हो जाएगा.’
वहीं, उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति द्वारा हरी झंडी दिए जाने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर आधिकारिक तौर पर शिक्षा मंत्रालय हो गया है.
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मंत्रालय का नाम बदले जाने का सुझाव है. संभवत: ये पहला कदम है जो नई नीति के तहत उठाया गया है.
बता दें कि आरिया शिक्षा मंत्रालय की एक पहल है. इसमें छात्रों और फैकल्टी के बीच ‘इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट ‘ से जुड़े इंडिकेटर पर भारत के सभी प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों की रैंकिंग की जाती है.
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