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यूपी में अब लखनऊ बना कोरोना का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट, आगरा की हालत सुधरी- होटल बनेंगे क्वारेंटाइन सेंटर

जिला प्रशासन ने जिन इलाकों में सबसे ज्यादा केस सामने आ रहे हैं, उनको कंटेनमेंट जोन बनाने को कहा है. इंदिरा नगर, गाजीपुर, आशियाना, सरोजनी नगर में 20 जुलाई से पूरी तरह लॉकडाउन किया जा रहा है.

आगरा के कई निजी अस्पताल बने हाॅटस्पाॅट, एक अस्पताल की फाइल फोटो। सोशल मीडिया

लखनऊ: यूपी में आगरा की हालत में सुधार के बाद अब लखनऊ कोरोना का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बनकर उभरा है. राज्य में पिछले 24 घंटे में 1733 नए मामले सामने आए हैं. वहीं लखनऊ में नए मामलों की संख्या 151 है. इसमें सबसे ज्यादा खराब हालत राजधानी लखनऊ और गाजियाबाद की है. लखनऊ में एक्टिव मामलों की संख्या अब 2060 और गाजियाबाद में 1560 हो गई है. वहीं सवालों के घेरे में रहे आगरा में हालात सुधरे हैं. यहां महज 160 एक्टिव केस बचे हैं. प्रदेश में एक्टिव मामलों की संख्या कुल 16,445 तक पहुंच गई है.

हालातों को देखते हुए एसिंप्टोमेटिक पेशंट्स के लिए लखनऊ और गाजियाबाद में होटल में क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जाएंगे.

यूपी में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि एसिंप्टोमेटिक पेशंट की बेहतर सुविधा के लिए लखनऊ और गाजियाबाद में होटल्स की व्यवस्था की गई है. इसके लिए प्रतिदिन 2000 रुपए चार्ज देना होगा. इसमें 1000 होटल का और 1000 दवा का चार्ज होगा. अमित मोहन के मतुाबिक, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को यह सुविधा नहीं मिलेगी. यह सुविधा ऑप्शनल है, जो चाहेगा उसी को उपलब्ध कराई जाएगी. वहीं कई निजी अस्पतालों में भी इलाज होगा.

लखनऊ बना सबसे बड़ा हॉटस्पॉट

लखनऊ में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन मुस्तैद हो गया है. शहर के जिन इलाकों में सबसे ज्यादा केस सामने आ रहे हैं, उनको कंटेनमेंट जोन बनाने को कहा है. लखनऊ प्रशासन की ओर से कहा गया है कि राजधानी के इलाकों- इंदिरानगर, गाजीपुर, आशियाना, सरोजनी नगर में 20 जुलाई से पूरी तरह लॉकडाउन किया जा रहा है. लखनऊ में 300 से अधिक कंटेनमेंट जोन बनाए गए थे जिनमें अधिकतर इन्हीं इलाकों में थे. अब कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग और पूल टेस्टिंग के लिए प्रशासन की ओर से इन इलाकों में सोमवार को कंप्लीट लॉकडाउन रखने का फैसला लिया गया है. यहां केवल इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध रहेंगी.


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आगरा के हालात सुधरे

कुछ दिन पहले तक जिस ‘आगरा मॉडल’ पर लगातार सवाल उठ रहे थे वहां हालातों में काफी सुधार आया है. लखनऊ व गाजियाबाद की तुलना में आगरा में एक्टिव मामलों की संख्या बेहद कम हो गई है. अभी यहां महज 159 एक्टिव केस हैं.

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आगरा के डीएम प्रभु एन सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राहत की बात यह है कि आगरा में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर 82.6% पर पहुंच गई है. पिछले 48 घंटे में सिर्फ एक मरीज ने दम तोड़ा है. वहीं मृतकों की संख्या 94 ही है. अब तक 33136 मरीजों की सैंपलिंग हो चुकी है.

टेस्टिंग में बना बेंचमार्क

सरकार कोरोना के लगातार मामले अधिक आने की वजह टेस्टिंग बढ़ने को मान रही है. मुख्य सचिव स्वास्थ अमित मोहन प्रसाद का कहना है कि इस वक्त यूपी में हर रोज टेस्टिंग में नए रेकॉर्ड सेट किए जा रहे हैं. गुरुवार को कुल 54,207 सैम्पल्स का कोविड टेस्ट किया गया. इससे पहले बुधवार को लगभग 48 हजार सैम्पल्स टेस्ट किए गए थे. हालांंकि प्रदेश में रिकवरी लगभग 60 फीसदी के ऊपर है. अमित ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 1 लाख 51 हजार बेड्स की व्यवस्था रिजर्व में है. फिलहाल अस्पतालों में बेड की कमी जैसे हालात नहीं हैं.

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