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उत्तर प्रदेश के सैफई में 3 घंटे सड़क पर ही घूमते रहे कोरोनावायरस से संक्रमित आगरा के 70 मरीज

पुलिस ने बताया कि अस्पताल का मुख्य द्वार बंद होने की वजह से सभी मरीज सुबह 7 बजे तक मुख्य द्वार के सामने और आस-पास सड़कों पर टहलते रहे.

आगरा के कई निजी अस्पताल बने हाॅटस्पाॅट, एक अस्पताल की फाइल फोटो। सोशल मीडिया

इटावा: आगरा से बस एवं एम्बुलेंस के जरिए सैफई आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय अस्पताल भेजे गए कोरोनावायरस से संक्रमित 70 मरीज अस्पताल का मुख्य द्वार खुला न होने की वजह से 3 घंटे बाहर सड़क पर ही टहलते रहे.

पुलिस ने बताया कि स्थानीय लोगों ने थाना प्रभारी और क्षेत्राधिकारी सहित पुलिस अधिकारियों को इसकी सूचना दी, जिसके बाद पुलिस क्षेत्राधिकारी चंद्र पाल सिंह ने विश्वविद्यालय के कुलपति डा. राजकुमार को इस बारे में बताया.

पुलिस के अनुसार सिंह ने मरीजों को पानी और बिस्कुट मुहैया कराए. ये मरीज बस और एम्बुलेंस के जरिए तड़के 4 बजे आगरा से सैफई आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय अस्पताल पहुंचे थे.

पुलिस ने बताया कि अस्पताल का मुख्य द्वार बंद होने की वजह से सभी मरीज सुबह 7 बजे तक सामने और आस-पास सड़कों पर टहलते रहे.

राजकुमार ने कहा कि आगरा प्रशासन की ओर से संवादहीनता के कारण ऐसा हुआ. कुलपति ने इसके बाद अस्पताल का मुख्य द्वार खुलवाया और मरीजों को अस्पताल के अन्दर बने कोरोनावायरस विंग मे भर्ती किया गया.

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फिरोजाबाद में संक्रमित लोगों की संख्या हुई 78

फिरोजाबाद जिले में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोनावायरस संक्रमण के सात नये मामले आने के साथ ही संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 78 हो गयी है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस के दीक्षित ने शनिवार को बताया कि सात नये मामले सामने आये हैं. ये सभी मामले संक्रमण से प्रभावित (हॉटस्पॉट) क्षेत्र रामगढ़ में सामने आए हैं. दीक्षित ने बताया कि रामगढ़ में एक श्रमिक और उसके परिवार वाले संक्रमित पाए गए हैं.

उन्होंने बताया कि मंडलायुक्त (आगरा) और पुलिस महानिरीक्षक (जोन) ए सतीश गणेश को शासन ने जिले का नोडल अधिकारी नियुक्त किया है. दोनों ही अधिकारी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं.

दीक्षित ने बताया कि जिस इलाके में संक्रमण के मामले आये हैं, उसे पूरी तरह सील कर दिया गया है. मरीजों के संपर्क में आये लोगों की सूची बनाकर उन्हें पृथक-वास में रखा गया है.

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