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नड्डा के काफिले पर हमले के बाद MHA ने बंगाल के 3 IPS अधिकारियों को सेंट्रल डेप्युटेशन पर बुलाया

गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर तृणमूल कांग्रेस के कथित कार्यकर्ताओं ने हमला किया था जिसके बाद केंद्र की तरफ से ये फैसला लिया गया है.

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भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा। एएनआई

नई दिल्ली: भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार पश्चिम बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों को गृह मंत्रालय (एमएचए) ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सेवा के लिए बुलाया है.

गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर तृणमूल कांग्रेस के कथित कार्यकर्ताओं ने हमला किया था जिसके बाद राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा था कि जो घटना हुई वो शर्मनाक थी और ये लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. राज्यपाल ने प्रेस कांफ्रेंस कर ये भी कहा था कि राज्य में संविधान की मर्यादाएं टूट रही हैं.

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तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी ने शनिवार को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर कहा कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले को लेकर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को दिल्ली तलब करना ‘राजनीति से प्रेरित है.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है.

लोकसभा में तृणमूल कांग्रस के मुख्य सचेतक बनर्जी ने आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन को भयभीत करने के लिए दबाव डालने वाली कार्रवाई की जा रही है और केंद्रीय गृह मंत्री के इशारे पर शीर्ष अधिकारियों को तलब किया गया है.

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उन्होंने कहा, ‘हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि संविधान की सातवीं अनूसूची के तहत कानून व्यवस्था राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है… ऐसे में आप कानून-व्यवस्था के संदर्भ में किसी भी तरह की चर्चा के लिए कैसे दोनों अधिकारियों को बुला सकते हैं?’

बनर्जी ने लिखा, ‘यह राजनीतिक उद्देश्य से और आपके मंत्री के इशारे पर उठाया गया कदम लगता है जो भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक व्यक्ति हैं, आपने वह पत्र जारी किया किया है. आप राजनीतिक बदले की भावना के तहत पश्चिम बंगाल के अधिकारियों पर दबाव डालना चाहते हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि आप संघीय ढांचे में हस्तक्षेप कर रहे हैं.’

बनर्जी ने कहा कि कानून-व्यवस्था के मामले में राज्य सरकार विधानसभा के प्रति जवाबदेह है लेकिन आपके या आपके गृह मंत्री के प्रति नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘भाजपा नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर आपने इस कार्य से कानून को नदी में बहा दिया है.’

तृणमूल सांसद ने कहा कि परोक्ष रूप से पश्चिम बंगाल में आपातकाल लगाने की कोशिश की जा रही है.

उन्होंने कहा कि संसद का सत्र नहीं चल रहा है इसलिए उन्होंने पार्टी की ओर से केंद्र के कदम का कड़ाई से विरोध करने के लिए पत्र का सहारा लिया है.

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय और पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र को राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिये 14 दिसंबर को पेश होने को कहा था.

इसके बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी 10 दिसंबर को दक्षिण 24 परगना जिले में नड्डा के काफिले पर हुए हमले की पृष्ठभूमि में केंद्र को अपनी रिपोर्ट भेजी थी.


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