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पुलवामा आंतकी हमला : 13 संदिग्ध हिरासत में, कामरान ने बनाई थी हमले की योजना

ऐसा माना जा रहा है कि कामरान दिसंबर में भारत आया था और दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा, अवंतीपुरा और त्राल इलाकों से अपना नेटवर्क संचालित कर रहा था.

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रिप्रज़िन्टेशनल फ़ोटो । गेट्टी

नई दिल्ली: पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर भीषण आत्मघाती हमले के दो दिन बाद भारत की केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां और कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से कई टीमों का गठन कर ‘4-5’ ठिकानों पर छानबीन शुरू कर दी है. शनिवार को सुरक्षाबलों ने संभावना जताई है कि एक अज्ञात और अफगानी वेटरन इसके मास्टरमाइंड हो सकते हैं.

सुरक्षा अधिकारियों ने कश्मीर और उसके आसपास के इलाकों से करीब 13 संदिग्धों को दबोचा है लेकिन उनका ध्यान मुख्य रूप से सात लोगों पर है जोकि पाकिस्तान में बसे अतांकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य बताए जा रहे हैं. इस आतंकी संगठन ने सीआरपीएफ जवानों पर हुए अब तक के सबसे बड़े हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें चालीस जवान मारे गए थे.

सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियां कामरान नाम के अफगानी और आईईडी एक्सपर्ट को ढूंढने में लगी हैं.

ऐसा माना जा रहा है कि कामरान दिसंबर में भारत आया था और दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा, अवंतीपुरा और त्राल इलाकों से अपना नेटवर्क संचालित कर रहा था.

सूत्रों के अनुसार अभी कश्मीर में केवल दो लोग इस तरह का आईडी अटैक संचालित करने के मास्टरमाइंड है. एक कामरान है, वहीं दूसरे की तलाश जारी है.

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‘विस्फोटक पदार्थों का ढीला बांधा जाना’  

दिप्रिंट ने 3 जनवरी को एक रिपोर्ट में बताया था कि आईईडी एक्सपर्ट और अफगानी वेटरन 9 दिसंबर को भारतीय सीमा में घुसपैठ कर चुका है और संभावना है कि पुलवामा में छिपा है. वह कश्मीर में दो अन्य आतंकियों के साथ घुसा था.

सुरक्षा एजेंसियों ने पहले उसकी पहचान अब्दुल राशीद गाजी के नाम से की थी लेकिन सूत्रों के मुताबिक नई जानकारी के अनुसार उसे स्थानीय तौर पर कामरान नाम से जाना जाता है.

हालांकि, सूत्रों ने यह भी कहा कि यह भी संभावना हो सकती है कि वह वो व्यक्ति न हो जिसने पुलवामा आईईडी एक साथ लगाई हो.

सुरक्षा एंजेसियों से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘हमले में इस्तेमाल हुआ विस्फोटक पदार्थ बहुत ही ढीला बंधा था और यह गलती कामरान ने नहीं की होगी. अभी विस्फोट की असल मात्रा पता करना बाकी है लेकिन ऐसा लग रहा कि यह कम से कम 100 किलो रहा होगा.’

सूत्रों ने यह भी कहा कि अगर विस्फोटक पदार्थ ठीक से बंधा होता तो यह हमला केवल एक बस तक सीमित रहने के बजाय और भयानक हो सकता था.


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शुरुआती खोजबीन

यद्यपि इस हमले ने सुरक्षा एजेंसियों को सकते में ला दिया. लेकिन सूत्रों के अनुसार वे अपना काम करना शुरू कर चुके थे.

ऐसी जानकारी मिली है कि पिछले हफ्ते जम्मू कश्मीर पुलिस ने अन्य एजेंसियों के साथ एक प्राइवेट ट्विटर अकाउंट साझा किया था जिसमें जैश-ए-मोहम्मद ने सुरक्षा एजेंसियों पर हमले की धमकी दी थी.

उस ट्विटर हैंडल पर 33 सेंकेड का एक विडियो पोस्ट किया गया था, जिसमें पुलवामा की तरह सोमालिया में एक सैन्यदल पर हुए हमले को दिखाया गया था.

इसके अलावा शुरुआती खोजबीन के विपरीत पुलिस का यह मानना है कि हमले में इस्तेमाल हुआ वाहन मारुति ईको थी. हालांकि, पुलिस उस वाहन का चेसिस नंबर या नंबर प्लेट नहीं ढूंढ पाई है. पुलिस उस कार के मालिक को खोजने में लगी है जिससे और जानकारी मिल सके.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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