होम देश मप्र सरकार ने कैसे एक दिन में जांच पूरी कर खरगोन में...

मप्र सरकार ने कैसे एक दिन में जांच पूरी कर खरगोन में 90 घर तोड़ दिए: अजय सिंह

भोपाल, 20 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस नेता अजय सिंह ने बुधवार को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दंगा प्रभावित खरगोन में ‘अवैध’ ढांचों को ध्वस्त करने के तरीके पर सवाल उठाया और इसकी तुलना ब्रिटिश हुकूमत की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले दमनकारी कदमों से की।

सिंह ने दावा किया कि भाजपा सरकार ने एक ही दिन में जांच पूरी की और 90 ढांचों को गिरा दिया। साथ में यह पूछा कि किस ‘तकनीक’ ने ऐसी त्वरित कार्रवाई की गई।

उन्होंने कहा कि ‘बुलडोजर मामा’ ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन का एक भारतीय संस्करण है। वह जाहिर तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साध रहे थे जिन्हें प्यार से ‘मामा’ कहा जाता है।

मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता सिंह ने कहा कि पूरा मध्य प्रदेश पूछ रहा है कि क्या रौलट कानून फिर से लागू हो गया है? जिसके तहत ना अपील की जा सकती थी ना कोई सफाई दी जा सकती थी और न ही यह वकील रखने की इजाजत देता था और इसे ब्रिटिश काल के दौरान खत्म कर दिया गया था।

रामनवमी के जुलूस के दौरान पथराव के बाद सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने खरगोन शहर में तोड़फोड़ करने का अभियान चलाया था।

अधिकारियों ने दावा किया कि ये अवैध ढांचे थे और उन्हें 10 अप्रैल की हिंसा से पहले नोटिस जारी किए गए थे।

सिंह ने यहां एक बयान में पूछा, “बिना किसी जांच के और बिना किसी कानूनी आधार के कई निर्दोष लोगों के घर क्यों गिराए जा रहे हैं?”

उन्होंने कहा, “क्या ब्रिटिश शासन के बाद अब लोग भाजपा सरकार के गुलाम हो गए हैं… किस तकनीक से राज्य सरकार ने सिर्फ एक दिन में जांच पूरी की और खरगोन में 90 घरों को ध्वस्त कर दिया?”

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई समझ में आती है, लेकिन इस अभियान में निर्दोष परिवारों को निशाना बनाया जा रहा है।

कांग्रेस नेता ने कहा, “शिवराज उत्साह से योगी (उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) की नकल कर रहे हैं, लेकिन यह उनके लिए उल्टा साबित होगा। ”

उन्होंने मांग की कि चौहान इस बात की गहन जांच के आदेश दें कि बेगुनाहों के कितने घर तोड़े गए हैं और ऐसे लोगों को मुआवजा दिया जाए।

भाषा

नोमान उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

Exit mobile version