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कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बैंगलोर टर्फ क्लब में सटोरियों के खिलाफ कर चोरी मामले को बरकरार रखा

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

मंगलुरु, दस मई (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बैंगलोर टर्फ क्लब में सटोरियों के कथित कर चोरी संबंधी एक मामले को खारिज करने से इनकार करते हुए कहा कि जांच के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्य एक संभावित संज्ञेय अपराध का संकेत दे रहे है।

न्यायमूर्ति एस विश्वजीत शेट्टी की पीठ ने सटोरियों द्वारा दायर एक याचिका पर यह आदेश दिया।

कर्नाटक पुलिस अधिनियम, भारतीय दंड संहिता (आई. पी. सी.) और कर्नाटक रेस सट्टेबाजी अधिनियम के तहत जनवरी में मामला दर्ज किया गया था। पुलिस को एक छापेमारी के दौरान सूचना मिली थी कि सटोरिये उचित पंजीकरण के बिना दांव लगा रहे थे, जिससे कर चोरी हो रही थी। क्लब में छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने 3,45,74,040 रुपये जब्त किए थे।

सटोरियों के वकील ने तर्क दिया कि उनको लाइसेंस दिया गया था। वकील ने तर्क दिया कि कोई भी गलत कृत्य जीएसटी अधिकारियों के दायरे में आता है।

पीठ ने जोर देकर कहा कि यदि साक्ष्य प्रथम दृष्टया मामले का संकेत देते हैं, तो अदालतों को जांच में हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए। पीठ ने साक्ष्यों के आधार पर दंडात्मक प्रावधानों को लागू करने के जांच एजेंसी के अधिकार क्षेत्र पर जोर दिया ।

अदालत ने व्यवस्था दी कि आरोप और साक्ष्य जीएसटी और टीडीएस भुगतान की राशि के गबन से जुड़े एक गंभीर अपराध की ओर इशारा करते हैं। इसके बाद सटोरियों की याचिका खारिज कर दी गई।

भाषा

मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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