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अदालत ने जेल में बंद पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका खारिज की

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

कोलकाता, 30 अप्रैल (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने प्राथमिक स्कूल की नौकरियों में धन के लेन-देन की जांच को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के धन शोधन मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।

ईडी अधिकारियों ने 22 जुलाई, 2022 को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में कथित अनियमितताओं के संबंध में चटर्जी को गिरफ्तार किया था।

न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने चटर्जी की जमानत याचिका खारिज कर दी। चटर्जी के पास पश्चिम बंगाल कैबिनेट में 2011 से 2021 तक शिक्षा सहित कई विभागों की जिम्मेदारी थी।

चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को ईडी ने कथित अवैध भर्तियों में धन के लेन-देन की जांच के संबंध में गिरफ्तार किया था।

ईडी ने दावा किया कि मुखर्जी के स्वामित्व वाले फ्लैट से आभूषण और संपत्तियों के दस्तावेज समेत 49.80 करोड़ रुपये नकदी बरामद की गई।

पूर्व मंत्री के वकीलों ने उनकी जमानत का अनुरोध करते हुए दावा किया कि जांच पूरी हो चुकी है और चटर्जी 70 साल से अधिक उम्र के हैं और कई बीमारियों से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि चटर्जी 21 महीने से अधिक समय से हिरासत में हैं।

ईडी के वकील फिरोज एडुल्जी ने अनुरोध पर आपत्ति जताते हुए कहा कि चटर्जी एक प्रभावशाली व्यक्ति और मौजूदा विधायक हैं और मामले में गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं।

भाषा आशीष माधव

माधव

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