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COVID के खिलाफ एक और जीत, भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई देश की पहली इंट्रानेजल वैक्सीन को DCGI ने दी मंजूरी

इस नेजल वैक्सीन का नाम BBV154 रखा गया है. माना जा रहा है कि नेजल वैक्सीन के जरिए वैक्सीनेशन की दर बढ़ेगी.

प्रतीकात्मक तस्वीर । एएनआई

नई दिल्लीः मंगलवार को भारत बायोटेक की इंट्रानेजल (नाक के जरिए दी जाने वाली) कोरोना वैक्सीन को डीजीसीआई की मंजूरी मिल गई है. यह भारत की कोविड-19 की पहली नेजल वैक्सीन है. इसे 18 साल और उससे अधिक की उम्र के लोगों के प्रतिबंधित प्रयोग के लिए स्वीकृति दी गई है.

स्वास्थ्य एवं परिवार केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के खिलाफ इसे बड़ा कदम बताया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘कोविड-19 के खिलाफ भारत का यह बहुत बड़ा कदम है जो कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमारी मदद करेगा.’

इस नेजल वैक्सीन का नाम BBV154 रखा गया है. माना जा रहा है कि नेजल वैक्सीन के जरिए वैक्सीनेशन की दर बढ़ेगी. ये वैक्सीन नाक में पाए जाने वाले म्युकोसा में ही इम्यून रिस्पॉन्स को पैदा करेगी. यह कोविड के खिलाफ लड़ाई में काफी बड़ी गेम चेंजर साबित हो सकती है.

भारत बायोटेक ने यह वैक्सीन वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी सेंट लुइस के साथ मिलकर बनाई है. भारत बायोटेक ने प्रि-क्लिनिकल सेफ्टी इवैल्युएशन प्रोडक्ट डेवलेपमेंट, लार्ज-स्केल मैन्युफैक्चरिंग स्केल-अप, फार्मुलेशन, डिलीवरी डिवाइस डेवलेपमेंट और ह्यूमन क्लिनिकल का काम किया.

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केंद्र बायोटेक्नॉलजी डिपार्टमेंट के जरिए आंशिक रूप से प्रोडक्ट डेवलेपमेंट और क्लिनिकल ट्रायल की भी फंडिंग की है. भारत बायोटेक ने यह भी कहा है कि इंट्रानेजल वैक्सीन मास इम्युनाइजेशन कैपेन में काफी मददगार साबित होगा.


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