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अफ्रीका में कोविड के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन से आई चौथी लहर 6 हफ्ते बाद अब थम रही है: WHO

ओमीक्रॉन का पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को सामने आया था. डब्ल्यूएचओ ने 26 नवंबर को इसे संक्रमण का चिंताजनक स्वरूप घोषित किया था.

जेनेवा स्थिति विश्व स्वास्थ्य संगठन का हेडक्वार्टर | फोटो: www.who.int

संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि अफ्रीका में कोरोनावायरस संक्रमण के नए स्वरूप ओमीक्रॉन से आई चौथी लहर अब थमती प्रतीत हो रही है. छह सप्ताह तक मामलों में तेजी के बाद इनमें गिरावट आनी शुरू हो गयी है.

ओमीक्रॉन का पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को सामने आया था. डब्ल्यूएचओ ने 26 नवंबर को इसे संक्रमण का चिंताजनक स्वरूप घोषित किया था.

अफ्रीका के लिए डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मतशीदिशों मोइती ने कहा, ‘प्रारंभिक आकलन इस बात का संकेत देते हैं कि अफ्रीका में चौथी लहर में तेजी से गिरावट आ रही है और मामलों में कमी आ रही है. महामारी से निपटने के लिए अफ्रीका में कड़े कदमों की अब भी आवश्यकता है, और वह है तेज गति से टीकाकरण अभियान चलाना. हो सकता है कि अगली लहर हल्की न हो.’

बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में डब्ल्यूएचओ ने कहा, ‘अफ्रीका में ओमीक्रॉन से आई चौथी लहर छह सप्ताह के उछाल के बाद अब थम रही है और यह महाद्वीप पर अब तक की सबसे कम समय तक चलने वाली लहर बन गई है. यहां मामले एक करोड़ को पार कर गए हैं.’

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक द्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने चिंता व्यक्त की कि विश्व स्तर पर भले ही 9.4 अरब से अधिक टीके की खुराक दी जा चुकी हैं, लेकिन 90 देश पिछले साल के अंत तक अपनी 40 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण के लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाए हैं और उनमें से 36 देशों ने अभी तक अपनी 10 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण नहीं किया है.

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उन्होंने कहा कि अफ्रीका की 85 प्रतिशत से अधिक आबादी को अभी भी टीके की पहली खुराक मिलनी बाकी है.

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा, ‘अगर हम इस खाई को पाटने की दिशा में मिल कर काम नहीं करेंगे तो हम महामारी का अंत नहीं कर पाएंगे.’


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