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कोरोनावायरस के ‘कप्पा’ वेरिएंट के मामले आ रहे हैं सामने, राजस्थान में 11 मामलों की हुई पुष्टि

राजस्थान में कप्पा से संक्रमित 11 मरीजों में से 4-4 अलवर और जयपुर, दो बाड़मेर से और एक भीलवाड़ा से हैं. स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने बताया कि कप्पा वेरिएंट डेल्टा के मुकाबले कम घातक है.

प्रतीकात्मक तस्वीर/एएनआई

नई दिल्ली: देश में धीरे धीरे कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर कमजोर पड़ गई है. लेकिन तीसरी लहर की आशंका और कोविड के नए वैरिएंट कप्पा ने एक बार फिर सरकार की पेशानी पर बल ला दिया है.

राजस्थान के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने मंगलवार को बताया कि राज्य में कोरोनावायरस के कप्पा वैरिएंट से संक्रमित 11 मरीज मिले हैं.

उन्होंने बताया, ‘कोरोनावायरस के कप्पा वेरिएंट्स से संक्रमित 11 मरीजों में से 4-4 अलवर और जयपुर, दो बाड़मेर से और एक भीलवाड़ा से हैं.’

उन्होंने बताया कि जीनोम अनुक्रमण के बाद इन मामलों की पुष्टि हुई है.

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि हालांकि कप्पा स्वरूप, डेल्टा स्वरूप के मुकाबले कम घातक है. राजस्थान में मंगलवार को कोरोनावायरस संक्रमण के 28 नये मामले आये. राज्य में 613 उपचाराधीन मरीज हैं.

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‘चिंता की बात’

वहीं मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्वतीय पर्यटन स्थलों और बाजारों में बड़ी संख्या में बिना मास्क लगाए और सामाजिक दूरी का पालन नहीं करते हुए भीड़ के उमड़ने पर चिंता जाहिर की और सभी से कोरोनावायरस की तीसरी लहर के प्रसार को रोकने के लिये कोविड नियमों का अनुपालन करने का अनुरोध किया.

प्रधानमंत्री ने लोगों से इस तर्क को छोड़ देने को कहा कि वे ‘कोरोनावायरस की तीसरी लहर से पहले आनंद लेना चाहते हैं.’ उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुपालन में कोई समझौता नहीं होना चाहिए.

वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी लोगों को आगाह करते हुए कहा कि कई हिस्सों में कोविड-उपयुक्त व्यवहार का घोर उल्लंघन देखा जा रहा है जो इसे काबू में करने के लिए अब तक की मेहनत पर पानी फेर सकता है.

देश में महामारी की स्थिति पर नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने कहा कि विश्व स्तर पर, कोविड​​-19 की तीसरी लहर देखी जा रही है और लोगों से यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करने का आह्वान किया जाता है कि यह भारत में न हो.

उन्होंने कहा, ‘हम मौसम के अद्यतन रूप में ‘तीसरी लहर’ के बारे में बात करते हैं। यह एक योजना की तरह नहीं है कि हमें मानसून से पहले कहीं जाना चाहिए, यह वायरस बनाम इंसान है और यह एक सतत लड़ाई है.’

उन्होंने कहा, ‘पर्यावरण से अधिक, यह हमारा व्यवहार है जो तीसरी लहर का कारण बन सकता है। हम जो समझने में विफल रहते ,हैं वह यह है कि कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन या इसकी कमी ही भविष्य की लहरों को रोकेगी या पैदा करेगी.’


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