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अकेले घूमने आई विदेशी महिलाओं के लिए भारत को ‘सबसे सुरक्षित’ देश घोषित करना चाहते हैं मोदी

भारत में भ्रमण करने आईं विदेशी महिलाओं का एक रेप्रेसेंटेशनल फोटो

चूंकि भारत को कठुआ और उन्नाव में हुए बलात्कार के मामलों के कारण अंतर्राष्ट्रीय निंदा का सामना करना पड़ा है, पर्यटन मंत्रालय को छवि साफ़ करने के लिए अकेले घूमने आई महिलाओं के लिए भारत को एक सुरक्षित गंतव्य जताने का कार्य सौंपा गया है

नई दिल्ली: भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराधों ने लंबे समय से दुनिया भर में सुर्खियां बनाई हैं – फिर चाहे वे स्थानीय महिलाओं के साथ हुई घटनाएं हों या विदेशी पर्यटकों के साथ हुई दुर्व्यवहार की घटनाएं हों। लेकिन जो व्यापक आलोचना कठुआ और उन्नाव में हुए हालिया बलात्कार के मामलों की वजह से हुई हैं, पर्यटन मंत्रालय को अपनी छवि सुधारने का एक नया कठिन कार्य सौंपा गया है।

नरेंद्र मोदी सरकार भारत की सकारात्मक छवि बनाना चाहती है और इसे एकल महिला के लिए ‘सबसे सुरक्षित’ गंतव्य के रूप में प्रचारित करना चाहता है।

इस नए अभियान को लॉन्च करने की योजना पर काम शुरू हुआ ही था कि इससे पहले कठुआ और उन्नाव मामलों ने लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया। मंत्रालय ने यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका में अच्छी तरह से जानी जाने वाली प्रसिद्ध महिला हस्तियों जैसे कि फैशन डिजाइनर एम्मा पुटीक, गोल्फर कार्ली बूथ और पाक रसोई विशेषज्ञ केली न्यूटन के साथ लघु फिल्में बनाने का निर्णय लिया है।

लेकिन इस फिल्म वाले मामले के अंतरराष्ट्रीय मीडिया के संज्ञान में आने के बाद,सरकार को अपनी बिगड़ी छवि चलते बचाव पक्ष में जाना पड़ा।

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प्रयास

“ऐसी घटनाएं यात्रा के निर्णयों को प्रभावित करती हैं और अब हम महिलाओं की सुरक्षा और स्वच्छता के मानकों पर एक सकारात्मक छवि चित्रित करने की कोशिश कर रहे हैं”,पर्यटन मंत्रालय की सचिव रश्मी वर्मा ने दिप्रिंट को बताया।
“महिला यात्रियों को पता होना चाहिए कि (बलात्कार)के ये मामले एक बारगी (पहली बार होने वाले) थे। वर्मा ने आग्रह करते हुए कहा कि ये घटनाएं दुर्लभ हैं और इस तरह की घटनाएं अक्सर भारत में नहीं होती हैं।“

पर्यटन मंत्रालय अब भारत की छवि को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक संबंध फर्म के साथ काम कर रही है जिससे सम्बंधित एक प्रस्ताव क्रियान्वित है । विदेशी स्थानों पर कार्यालयों के साथ, एजेंसी का कार्य भारत के बारे में सकारात्मक घटनाओ को बढ़ावा देना होगा।

भारत की वैश्विक ब्रांड छवि को बहाल करने के एक अन्य प्रयास में मंत्रालय द्वारा की गई अपने विपणन बजट में वृद्धि, 2017-2018 में 400 करोड़ रुपये से 2018-2019 में 600 करोड़ रुपये तक, को देखा गया है।

एक कठिन कार्य

कुछ उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि हालांकि इस इतिहास को बदलने के लिए, यह एक आसान काम नहीं होगा।
पिछले हफ्ते, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्ड ने कठुआ मामले को “विद्रोह” के रूप में वर्णित किया था। उन्हें उम्मीद थी कि भारतीय अधिकारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मदद के साथ, इस मामले पर अधिक ध्यान देंगे।

लेगार्ड ने कहा था कि “जब मैंने पिछली बार दावोस में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को सुना, तो मैंने उन्हें बताया कि उस भाषण में मोदी ने भारत की महिलाओं का जिक्र नहीं किया। उनके दिमाग मे भारतीय महिलाओं को लेकर कोई भी सवाल नहीं थे।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो ग्युटेरेस ने इसी तरह की चिंताओं का जिक्र किया था। उन्होंने कठुआ घटना को “भयानक” कहा, और आशा व्यक्त कीकि अधिकारी अपराधियों को अदालत के कठघरे तक लेकर आएंगे।

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