होम एजुकेशन PM मोदी ने एजुकेशन को बेहतर बनाने के लिए बताईं 5 बातें,...

PM मोदी ने एजुकेशन को बेहतर बनाने के लिए बताईं 5 बातें, कहा- डिजिटल यूनिवर्सिटी से आएगा बड़ा बदलाव

पीएम मोदी ने एक वेबिनार के जरिए एक्सपर्टस को संबोधित किया और बजट में शिक्षा को लेकर किए गए प्रावधानों को बेहतर ढंग से लागू किए जाने पर चर्चा की.

पीएम मोदी, फाइल फोटो । ट्विटर । @BJP4India

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बजट में एजुकेशन सेक्टर को लेकर किए गए प्रवाधानों पर विस्तार से चर्चा करने के लिए एक वेबिनार को संबोधित किया. पीएम ने कहा कि सरकार ने बजट के पहले और बजट के बाद भी एक्सपर्ट्स से चर्चा की थी और आज के कार्यक्रम में शिक्षा और स्किल डेवलेपमेंट को लेकर बजट में जो प्रावधान हुए हैं उसी पर सबसे चर्चा होने वाली है.

पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारी आज की युवा पीढ़ी, देश के भविष्य की कर्णधार है, वही भविष्य के नेशन बिल्डर्स हैं. इसलिए आज की युवा पीढ़ी को सशक्त करने का मतलब है, भारत के भविष्य को सशक्त करना. इसी सोच के साथ इस बजट में पांच चीजों पर खास ध्यान दिया गया है.’

शिक्षा को बेहतर करने के लिए बताईं 5 बातें

पहला- क्वालिटी एजुकेशन को सबके लिए समान और सुलभ बनाना. हमारी शिक्षा व्यवस्था का विस्तार हो, उसकी क्वालिटी सुधरे.

दूसरा है- स्किल डेवलेपमेंट. देश में डिजिटल स्किलिंग इको सिस्टम बने. इंडस्ट्री 4.0 की जब चर्चा कर रही है तो इंडस्ट्री की डिमांड के हिसाब से स्किल डेवलेपमेंट हो.

तीसरा महत्त्वपूर्ण पक्ष है- अर्बन प्लानिंग और डिजाइन. इसमें भारत को जो पुरातन अनुभव और ज्ञान है उसमें हमारी आज की शिक्षा में समाहित किया जाना आवश्यक है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

चौथा अहम पक्ष है- अंतर्राष्ट्रीयकरण. भारत में वर्ल्ड क्लास विदेशी यूनिवर्सिटीज आएं. जो हमारे औद्योगिक क्षेत्र हैं जैसे गिफ्ट सिटी है वहां फिनटेक से जुड़े संस्थान आएं.

पांचवा पक्ष है- एबीजीसी यानी यानि एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स. इन सभी में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. एक बहुत बड़ा ग्लोबल मार्केट है. इसे पूरा करने के लिए हम भारतीय टैलेंट का कैसे इस्तेमाल बढ़ाएं इस पर भी उतना ही ध्यान दिया गया है.

डिजिटल डिवाइड हो रहा कम

पीएम ने कहा कि, ‘जब हम अपने गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ रहे हैं, जब हम डेटा की कीमत को कम से कम रखन की कोशिश कर रहे थे, कन्क्टिविटी को सुधार रहे थे तो कुछ लोग सवाल उठाते थे कि इसकी जरूरत क्या है लेकिन महामारी के समय में हमारे इन प्रयासों की अहमियत को सबने देख लिया. डिजिटल कनेक्टिलिटी ने ही महामारी के समय हमारी शिक्षा व्यवस्था को बचाए रखा. डिजिटल डिवाइड लगातार कम हो रहा है.’

आगे उन्होंने कहा, ‘ई-विद्या हो, वन क्लास वन चैनल हो, डिजिटल लैब्स हों, डिजिटल यूनिवर्सिटी हो, ऐसा एजुकेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर युवाओं को बहुत मदद करने वाला है. नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी, भारत की शिक्षा व्यवस्था में अपनी तरह का अनोखा और अभूतपूर्व कदम है. इसमे वो ताकत है कि ये हमारे देश में सीटों की समस्या का पूरी तरह से समाधान कर सकती है. जब हर विषय के लिए अनलिमिटेड सीटें होंगी तो आप कल्पना कर सकते हैं कि कितना बड़ा परिवर्तन शिक्षा जगत में आ जाएगा.’

मातृभाषा में हो रही टेक्निकल और मेडिकल की पढ़ाई

मातृभाषा में बच्चों को शिक्षा दिए जाने पर जोर देते हुए पीएम ने कहा कि, ‘मातृभाषा में शिक्षा बच्चों के मानसिक विकास से जुड़ी है. अनेक राज्यों में स्थानीय भाषाओं में मेडिकल और टेक्निकल एजुकेशन की पढ़ाई शुरू हो चुकी है. अब सभी शिक्षाविदों की जिम्मेदारी है कि स्थानीय भारतीय भाषाओं में बेस कटेंट उसके डिजिटल निर्माण को गति दी जाए.’

डिजिटल टूल्स, डिजिटल कंटेंट को कैसे बेहतर तरीके से डिलीवर किया जाए इसके लिए भी हमें टीचर्स को ऑनलाइन ट्रेनिंग देने पर जोर देना होगा. पुराने जॉब रोड्स जिस तरह से बदल रहे हैं उनके अनुसार हमें अपने डेमोग्राफिक डिवीडेंट को तैयार करना होगा.

प्राइमरी शिक्षा को सुधारने पर जोर

प्राइमरी शिक्षा को सुधारने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि वन प्लस वन चैनल के द्वारा प्राइमरी शिक्षा को सुधारा जाए. बजट को भी जल्दी पेश किया गया ताकि बजट को 1 अप्रैल से अच्छे से लागू किया जा सके. डिजिटल कनेक्टिविटी ही है जिसने वैश्विक महामारी के इस समय में हमारी शिक्षा व्यवस्था को बचाए रखा.

प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने डिजिटल डिवाइड की बात करते हुए कहा, ‘हम देख रहे हैं कि कैसे भारत में तेजी से डिजिटल डिवाइड कम हो रहा है. इनोवेशन हमारे यहां इन्क्लूज़न सुनिश्चित कर रहा है. इस बजट में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास बहुत आवश्यक है. बजट सिर्फ आंकड़ों का लेखा-जोखा नहीं है. बजट हम सही ढंग से सही समय पर सही तरीके से उपयोग करें तो हमारे सीमित संसाधनों से भी हम बहुत बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं.’

डिजिटल यूनिवर्सिटी से आएंगे बड़े बदलाव

डिजिटल यूनिवर्सिटी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी भारत की शिक्षा व्यवस्था में अपनी तरह का अनोखा और अभूतपूर्व कदम है. डिजिटल यूनिवर्सिटी में वो ताकत देख सकता हूं कि ये यूनिवर्सिटी हमारे देश में सीटों की समस्या को पूरी तरह से समाप्त कर सकती है. इसकी वजह से शिक्षा जगत में काफी बड़ा बदलाव आएगा.’


यह भी पढ़ेंः पीएम मोदी ने इंटरव्यू में राहुल गांधी पर निशाना साधा कहा-‘जो नहीं सुनता, उसे मैं कैसे जवाब दूं?’


 

Exit mobile version