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दरियागंज पुस्तक बाज़ार को मिला नया पता, पुरानी जगह का नहीं छूट रहा मोह

दरियागंज में लगने वाले पुस्तक बाज़ार को जुलाई में बंद कर दिया गया था. लेकिन अब इसे नया पता मिल गया है. हालांकि, इस नए पते को लेकर विक्रेताओं में मतभेद है.

महिला हाट में किताबें खरीदते लोग | फोटो : कृष्ण मुरारी

नई दिल्ली: दरियागंज में रविवार को लगने वाला साप्ताहिक पुस्तक बाज़ार पिछले लगभग 2 महीनों से बंद था. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा नई जगह दिए जाने के बाद इस रविवार को पुस्तक बाज़ार पुरानी दिल्ली स्थित महिला हाट में लगना शुरू हुआ है. बाज़ार सुबह 7 बजे ही लग गया था लेकिन नई जगह होने के कारण लोगों का आना काफी देरी से शुरू हुआ. अब यही इस बाज़ार का नया पता है.

महिला हाट पहुंचकर देखने को मिला कि दो महीने तक बाज़ार बंद रहने के बाद भी किताब प्रेमी बड़ी तादात में यहां  पहुंच रहे हैं. गुड़गांव से अपनी बेटी के साथ किताबें खरीदने के लिए आए रामकृष्ण चौधरी ने दिप्रिंट से कहा, ‘हमें अख़बारों से पता चला कि बाज़ार नई जगह पर लगने जा रहा है. मैं पहले भी यहां आता रहा हूं. लेकिन इस बार अपनी बेटी के लिए किताबें खरीदने के लिए आया हूं.’

पहले ही रविवार को लगभग 50-60 पुस्तक विक्रेताओं ने इस नई जगह पर अपनी दुकान लगाई. पुस्तक बाज़ार एसोसिएशन के प्रमुख कमर सईद ने दिप्रिंट को बताया, ‘महिला हाट में जो हम लोगों को नई जगह मिली है वो काफी बेहतर है. यहां काफी साफ-सफाई है. लोगों के लिए शौचालय भी बना हुआ है. धीरे-धीरे लोग यहां आना शुरू हो जाएंगे और एक बार फिर से बाज़ार अच्छे से चलने लगेगा.’

किताबें खरीदती एक महिला | फोटो : कृष्ण मुरारी

महिला हाट में दुकान लगाने वाले पुस्तक विक्रेता संतोष तिवारी ने कहा, ‘हम पिछले कई सालों से अपनी दुकान चला रहे हैं. यहां किताबें खरीदने के लिए चंडीगढ़ और पटना से भी लोग आते हैं. आने वाले दिनों में सभी दुकानदारों को नंबर आवंटित कर दिया जाएगा जिसके हिसाब से ही दुकानदार अपनी दुकान इस बाज़ार में लगाएंगे.’

’50 सालों से लगने वाले बाज़ार को बंद करना सरासर गलत’

ऐसा नहीं है कि इस नई जगह से सारे लोग ख़ुश हैं, बहुत सारे पुस्तक विक्रेता अपनी पुरानी जगह की मांग कर रहे हैं और दोबारा दरियागंज में ही दुकान लगाने की मांग कर रहे हैं. बाज़ार के वरिष्ठ पुस्तक विक्रेता सुभाष ने कहा कि अचानक से पिछले 50 सालों से लगने वाले बाज़ार को बंद करना सरासर गलत है. एमसीडी के पास इस बाज़ार को बंद करने का कोई अधिकार नहीं है. उनके मुताबिक हाई कोर्ट के फैसले का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है.

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नेशनल यूथ हॉकर फेडरेशन के ऑल इंडिया वर्किंग प्रसिडेंट मोहित वलेचा ने दिप्रिंट से कहा, ‘दिल्ली नगर निगम 2014 के वेंडर कानून का पालन नहीं कर रही है. उन्हें इन दुकानदारों को हटाने का कोई अधिकार नहीं है. हमारी मांग है कि फिर से इन पुस्तक विक्रेताओं का इनकी पुरानी जगह पर दुकान लगाने की इजाजत दी जाए.’

दरियागंज पुस्तक बाजार को बंद किए जाने का विरोध करते पुस्तक विक्रेता | फोटो : कृष्ण मुरारी

महिला हाट में बाजार के 2 महीने के बाद खुलने के बाद किताबें खरीदने आए विवेक कहते हैं, ‘पहले जहां बाज़ार लगता था उससे बेहतर यह जगह है. पहले जहां बाज़ार लगता था वहां काफी भीड़ होती थी जिससे लोगों को काफी परेशानी होता थी. लेकिन यहां काफी जगह है और आने वाले दिनों में यहां आने वाले और भी लोगों की संख्या बढ़ेगी.’

बता दें कि हर रविवार को दरियागंज के नेताजी सुभाष मार्ग पर लगने वाला साप्तहिक पुस्तक बाज़ार जुलाई में आए दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद बंद कर दिया गया था. इसके बाद से ही नई जगह को लेकर पुस्तक विक्रेताओं के बीच मतभेद है.

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