भारत की तरफ से कोविड बूस्टर डोज़ को मंजूरी देने में हो रही देरी ने पिछली बार की याद दिला दी है जब सरकार ने घोषणा की थी कि टीके उन्हें दिए जाएंगे जिन्हें इनकी जरूरत होगी, न कि उन्हें जो इन्हें लगवाना चाहते हैं. वह हिचकिचाहट भारत के लिए काफी नुकसानदेह साबित हुई थी. अब दोबारा वही गलती दोहराने का जोखिम नहीं उठाया जा सकता है. आईएनएसएसीओजी ने भी यू-टर्न से पहले इसी बात पर जोर दिया.
कोविड बूस्टर शॉट को मंजूरी देने में ढिलाई एक गलती है, भारत इसका जोखिम नहीं उठा सकता
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