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SII और भारत बायोटेक ने अपना झगड़ा ख़त्म कर दिया, अब नेताओं को भी करना चाहिए. ज़रूरत सिर्फ विज्ञान की है, नंबर बनाने की नहीं

दिप्रिंट का महत्वपूर्ण मामलों पर सबसे तेज नज़रिया.

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50 शब्दों में मत.

राहत की बात है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के प्रमुखों ने अपनी वैक्सीन्स पर हुए सार्वजनिक तू-तू मैं-मैं के बाद, अपना झगड़ा ख़त्म कर लिया. राजनेताओं और अन्य सार्वजनिक हस्तियों को भी यही करना चाहिए, और वैक्सीन्स पर नंबर बनाने की कोशिश में, लोगों के भरोसे को नहीं तोड़ना चाहिए. इस महा-टीकाकरण अभियान में एक मात्र मार्गदर्शक विज्ञान ही हो सकता है.

एससी महत्वपूर्ण मामलों को खत्म करने में लंबा समय ले रहा है, इसकी प्राथमिकताओं में सुधार की जरूरत है

दिप्रिंट ने पड़ताल की कि कैसे सुप्रीम कोर्ट बहुत महत्वपूर्ण मामलों को खत्म करने में लंबा समय ले रहा है. चुनावी बॉन्ड से लेकर सीएए तक मामले दिखाते हैं कि सुप्रीम कोर्ट को अपनी प्राथमिकता में सुधार की जरूरत है. इसे अपना संवैधानिक मैनडेट से नहीं गंवाना चाहिए और न्याय में देरी को लेकर कानूनी अधिकतम का प्रतीक बनना चाहिए.

एससी का सेंट्रल विस्टा का कदम सही है लेकिन इसे संवैधानिक और निजी स्वतंत्रता के मामलों को प्राथमिकता में रखना चाहिए

राष्ट्रीय राजधानी में सेंट्रल विस्टा परियोजना को मंजूरी देने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला वैसा ही है जैसा कि होना चाहिए. शीर्ष अदालत को हालांकि इस विवाद में शामिल नहीं होना चाहिए था. सभी संवैधानिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मामलों के साथ जो अपना कीमती समय और ध्यान देने की मांग करते हैं.

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