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कोविड टीकाकरण में सामंजस्य की जरूरत, न सिर्फ सरकार बल्कि निजी क्षेत्र और नेताओं को भी जिम्मेदारी लेनी होगी

दिप्रिंट का महत्वपूर्ण मामलों पर सबसे तेज नज़रिया.

दिप्रिंट का 50 शब्दों में मत.

कोरोनावायरस टीकाकरण मानवता के इतिहास में सबसे बड़ा प्रयास होगा और इसके लिए सामंजस्य की जरूरत होगी. न सिर्फ सरकार बल्कि ये सामुदायिक नेताओं और निजी क्षेत्रों की भी जिम्मेदारी है. मुफ्त में वैक्सीन देने का ऑफर अच्छा कदम है लेकिन जो इसकी कीमत अदा कर सकते हैं उन्हें ऐसा करने देना चाहिए.

71% न्यायाधीशों ने 1999 के बाद से रिटायरमेंट के बाद सरकार की नौकरियां लीं, न्यायपालिका को अपने अंदर झांकने की जरूरत है 

1999 के बाद से सेवानिवृत्त हुए SC जजों के दिप्रिंट विश्लेषण से पता चलता है कि पद छोड़ने के बाद 71% जजों ने कार्यभार संभाला, ज्यादातर सरकारी नियुक्तियों में शामिल रहे. यह हितों के टकराव के बारे में सवाल उठाता है और निर्णयों पर धब्बा लगा सकता है. ऐसी नियुक्तियों के मामले में एक मुनासिब कूलिंग ऑफ पीरियड और जजों को अपने अंदर झांकने की जरूरत है.

भारत बायोटेक का राजनीतीकरण दुर्भाग्यपूर्ण है. यह वैक्सीन बनाने में दुनिया का जाना-माना है 

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत बायोटेक जैसी विश्वस्तरीय बायोटेक कंपनी को नियामक जल्दबाजी और पारदर्शिता की कमी के कारण एक राजनीतिक विवाद में घसीटा गया. संस्थापक कृष्णा इला ने अब अपने कोवाक्सिन पर छाई धुंध को साफ कर अच्छा किया. यह कंपनी केवल वैक्सीन उत्पादक नहीं है, बल्कि वैश्विक जान-मानी डेवलपर भी है.

 

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