होम 50 शब्दों में मत चुनावी बांड पर सुप्रीम कोर्ट का रवैया उसकी और भारतीय लोकतंत्र की...

चुनावी बांड पर सुप्रीम कोर्ट का रवैया उसकी और भारतीय लोकतंत्र की छवि खराब करता है

दिप्रिंट का महत्वपूर्ण मामलों पर 50 शब्दों में सबसे तेज नजरिया.

50-Words
सबसे तेज़ नज़रिया

सुप्रीम कोर्ट ने अनाम चुनावी बांड फिर से बाजार में उतारे जा सकने को हरी झंडी दिखाकर न केवल खुद को बल्कि लोकतंत्र को भी शर्मसार किया है. भले ही यह उदासीनता का नतीजा हो या फिर किसी तरह का दबाव, इससे कोई फर्क नहीं पड़ा. यह किसी संस्था का स्वत: पतन की ओर बढ़ना है. चुनावी बांड का जारी रहना सिर्फ इसलिए सही नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कोई फैसला नहीं लिया है.

Exit mobile version