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पीएम के गोद लिए गांव में लगा पोस्टर, यहां चोरो का आना वर्जित है ये चौकीदारों का गांव है

वाराणसी से लगभग बाइस किलोमीटर दूर रोहनियां विधानसभा का ककरहिया गांव जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोद लिया था, इन दिनों खूब हलचल दिखाई पड़ रही है.

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फोटो साभार : सोशल मीडिया

नई दिल्ली: ‘चौकीदार चोर है’ का नारा देने वाली कांग्रेस का नारा उसके लिए ही गले की फांस बनता जा रहा है. इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गांव ककरहिया में लगा पोस्टर चर्चा का केंद्र बना है.बता दें कि वाराणसी से लगभग बाइस किलोमीटर दूर रोहनियां विधानसभा का ककरहिया गांव में इन दिनों खूब हलचल दिखाई पड़ रही है. पीएम ने अक्टूबर में इस गांव को गोद लिया था जिसके बाद गांव वालों को उम्मीद जगी थी कि उनका गांव बदल जाएगा.

ग्रामीणों ने गांव में जगह-जगह ‘यह चौकीदारों का गांव है, यहां चोरों का आना वर्जित’ लिखा पोस्टर लगाया है. गांव में रहने वाले भाजपा से जुड़े कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अक्टूबर 2017 को ककरहिया गांव गोद लिया था. उनके द्वारा गांव को गोद लेने से इसका कायाकल्प हो गया. यह देश-दुनिया में चर्चित हो गया. यहां काफी विकास भी हुआ है.

एक ग्रामीण ने बताया, ‘प्रधानमंत्री को चोर कहकर संबोधित करने वालों ने पूरे देश की गरिमा को ठेस पहुंचाई है. ऐसे लोगों का हमारे गांव में कदम नहीं पड़े इसलिए ऐसे पोस्टर लगाए हैं.’

इससे पहले जो भी सांसद व विधायक जीत कर आता था वह हमारे गांव के विकास को दरकिनार कर देता था, लेकिन मोदी ने गांव का कायाकल्प कर दिया.

पहलवानों का गांव था

ककरहिया गांव मूल रूप से पहलवानों का गांव माना जाता है. गांव के एक अखाड़े से निकलकर यहां के पहलवानों ने विदेशों तक अपना परचम लहराया है. मगर उपेक्षा के शिकार इस गांव में आज न तो पहलवानों के लिए कोई सुविधा है, न ही आम बुनियादी सुविधाएं. गांव में चिकित्सा से लेकर उच्च शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं का टोटा रहा था, इस गांव को अब प्रधानमंत्री से ही आस था.

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