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बाइडन प्रशासन मानवाधिकारों पर मोदी सरकार की आलोचना से परहेज क्यों करता है? : इल्हान उमर

(ललित के झा)

वाशिंगटन, नौ अप्रैल (भाषा) अपने भारत विरोधी तेवर जारी रखते हुए और उस पर मुस्लिम विरोधी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए डेमोक्रेटिक सांसद इल्हान उमर ने सवाल किया कि बाइडन प्रशासन मानवाधिकारों के मुद्दे पर मोदी सरकार की आलोचना करने से इतना परहेज क्यों करता रहा है।

इस सप्ताह सदन की विदेश मामलों की समिति के समक्ष पेश हुई विदेश उपमंत्री वेंडी शर्मन ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि बाइडन प्रशासन भारत समेत सभी देशों के साथ मानवाधिकारों के मुद्दे को उठाता रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि हम उन देशों के साथ बातचीत करें, जिनके साथ मानवाधिकारों पर चिंताओं को लेकर हमारे कई हित जुड़े हुए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभ्य समाज से मुलाकात करें। हम उन मुद्दों से निपटें। हम इन मुद्दों पर काम कर रहे एनजीओ का समर्थन करें। हम पत्रकारों और पत्रकारों की आजादी का समर्थन करें।’’

शर्मन ने कहा, ‘‘हम उन देशों में भी मानवाधिकारों के लिए आवाज उठाते रहे हैं जहां उन देशों की सरकारों के साथ हमारे कई अन्य एजेंडा होते हैं। मुझे लगता है कि आप इसे कहीं भी देखेंगे। जब मैं उप विदेश मंत्री के तौर पर पिछली बार भारत गई थी तो मैंने एलजीबीटीक्यूआई समुदाय से मुलाकात की थी। मैं आपको बताना चाहती हूं कि पांच साल पहले ऐसी कोई बैठक नहीं होती थी।’’

शर्मन कांग्रेस सदस्य उमर के सवाल का जवाब दे रहे थीं, जो भारत में मानवाधिकार हनन होने का बार-बार आरोप लगाती रही हैं।

शर्मन कहा कि जब जो बाइडन राष्ट्रपति बने तो उन्होंने कहा था कि मानवाधिकार उनकी विदेश नीति के केंद्र में होगा।

बहरहाल, उमर जवाबों से संतुष्ट नजर नहीं आयी। उन्होंने पूछा, ‘‘मैं असल में इसकी सराहना करती हूं और जब आपके पूर्ववर्ती यहां थे तो मैंने उनसे भी यही सवाल पूछा था। इससे क्या होगा?’’

भाषा गोला सुभाष

सुभाष

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