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कोविड के दौरान टीकाकरण रुकने से कई देशों में पोलियो के नए मामले आए : विशेषज्ञ

(सुदीप्तो चौधरी)

सिएटल (अमेरिका), 27 अक्टूबर (भाषा) कोविड-19 महामारी की शुरुआत में टीकाकरण अभियान रुकने के कारण इस साल अमेरिका, ब्रिटेन और मोजाम्बिक जैसे देशों में पोलियो के नए मामले सामने आए। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन से जुड़े एक विशेषज्ञ ने यह जानकारी दी।

फाउंडेशन की पोलियो टीम में प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और एनालिटिक्स के उप निदेशक डॉ. आनंद शंकर बंदोपाध्याय ने कहा कि पोलियो वायरस का पता चलना यह भी याद दिलाता है कि अगर यह दुनिया में कहीं भी मौजूद है तो यह सभी के लिए अब भी खतरा बना हुआ है।

लंदन के एक हिस्से में गंदे पानी में और कुछ महीने पहले न्यूयॉर्क में पोलियो का वायरस पाया गया। मोजाम्बिक में मई और इस साल फरवरी में मलावी में जंगली पोलियो वायरस का मामला सामने आया था।

बंदोपाध्याय ने यहां एक विशेष साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पोलियो का कोई भी मामला मिलना धीमी टीकाकरण दर का नतीजा है। जब 2020 में कोविड-19 महामारी फैली तो समुदायों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए चार महीने पोलियो अभियान रोका गया था। इससे देशों में पोलियो वायरस फैल गया।’’

कोलकाता में 2005 में कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से स्नातक करने वाले महामारी विज्ञानी बंदोपाध्याय ने कहा कि यह साफ है कि कोविड महामारी का दुनियाभर में टीकाकरण दरों पर नकारात्मक असर पड़ा।

उन्होंने कहा कि हालांकि, गलत सूचना, टीकाकरण में आनाकानी और प्रत्येक समुदाय तक पोलियो की खुराक पिलाना जैसी अन्य चुनौतियां भी रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका तथा ब्रिटेन में पोलियो वायरस मिलना तथा मलावी और मोजाम्बिक में जंगली पोलियो वायरस फैलना यह याद दिलाते हैं कि अगर दुनिया में कहीं भी पोलियो मौजूद है तो वह हर जगह खतरा बना हुआ है।’’

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक एजेंसी ‘वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल’ (जीपीईआई) की वेबसाइट के अनुसार, जंगली पोलियो वायरस का आखिरी मामला अमेरिका और ब्रिटेन में क्रमश: 1979 और 1982 में आया था जबकि मलावी और मोजाम्बिक में यह आखिरी बार 1992 में सामने आया था।

बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘पोलियो मुक्त देश, इस बीमारी के वैश्विक उन्मूलन तक पोलियो जोखिम मुक्त नहीं हैं।’’

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन में प्राधिकारी उचित तरीके से निपट रहे हैं। उन्होंने जोखिम की श्रेणी में आने वाले लोगों के लिए तत्काल टीकाकरण अभियान शुरू किया है और बीमारी पर नजर रखने की व्यवस्था को गति दी है।

बंदोपाध्याय ने पोलियो के खिलाफ भारत की सफलता को वैश्विक स्वास्थ्य की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि कई लोगों को यह लगता था कि यह देश इस बीमारी को रोकने वाला आखिरी देश होगा क्योंकि यह भोगौलिक रूप से चुनौतीपूर्ण देश है।

भारत के पोलियो उन्मूलन और खसरा निगरानी पहलों में योगदान दे चुके बंदोपाध्याय ने कहा कि भारत सरकार को पोलियो के खिलाफ उच्च टीकाकरण दर बनायी रखनी चाहिए।

गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 2014 में भारत के साथ दक्षिण पूर्वी एशिया के 10 अन्य देशों को पोलियो मुक्त घोषित किया था।

भाषा

गोला मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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