होम विदेश युद्ध के दौर में सोशल मीडिया सामग्री : हिंसा को आपके ‘फीड’...

युद्ध के दौर में सोशल मीडिया सामग्री : हिंसा को आपके ‘फीड’ से दूर रखने के लिए एक विशेष मार्गदर्शक

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

(मेगन नाइट, एसोसिएट डीन, यूनिवर्सिटी ऑफ हर्टफोर्डशायर)

वाशिंगटन, पांच नवंबर (द कन्वरसेशन) सोशल मीडिया मंच सूचना और मनोरंजन का बड़ा स्रोत हैं। वे दोस्तों तथा परिवार से संपर्क बनाए रखने में भी हमारी मदद करते हैं, लेकिन सोशल मीडिया भ्रामक सूचना, घृणा और संघर्ष को बढ़ावा देने के लिए एक विषैला मंच भी बन सकता है और बन गया है।

ज्यादातर लोग सोशल मीडिया से दूर नहीं रह सकते या रहना नहीं चाहते। अदालतों और सरकारी निकायों द्वारा इसे नियंत्रित या निगमित करने के प्रयास धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं लेकिन ये अभी तक असफल रहे हैं।

सोशल मीडिया उपयोगकर्ता इस दुविधा में हैं : परेशान करने वाली, नुकसान पहुंचाने वाली या गैरकानूनी सामग्री के संपर्क में आए बिना सोशल मीडिया से कैसे लाभ उठाया जाए। बढ़ते वैश्विक तनाव और संघर्ष के दौर में यह एक मुद्दा बन गया है। यूक्रेन में संघर्ष और गाजा युद्ध दोनों ने किसी के ‘फीड’ में भयावह और हानिकारक छवियां दिखने का जोखिम बढ़ा दिया है।

सोशल मीडिया पर खबरों को लेकर मेरे अनुसंधान पर आधारित यह लेख आपके सोशल मीडिया फीड में संपादन करने का मार्गदर्शन देता है ताकि यह सुनिश्चित किया जाए कि जो सामग्री आप देखते हैं वह आपकी जरूरतों के अनुरूप हो और विचलित करने वाली न हो।

इसे व्यापक सोशल मीडिया श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। मैं थ्रेड्स, मैस्टोडन, पोस्ट और ब्लूस्काई जैसी नयी सेवाओं की बात नहीं कर रहा, लेकिन यह सिद्धांत सामान्यत: सभी पर लागू हैं। मैंने मोबाइल फोन पर इन ऐप को इस्तेमाल करने पर ध्यान केंद्रित किया है क्योंकि ज्यादातर उपयोगकर्ता यही करते हैं। मैं ज्यादातर वीडियो सामग्री पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं।

सोशल मीडिया सूचना के आदान-प्रदान और सीखने के लिए एक प्रभावशाली उपकरण हो सकता है लेकिन इसमें भी खामी है। अपने फीड के प्रबंधन के लिए आप जो भी रवैया अपनाएं, उसमें सतर्क और संशयपूर्ण रहें। नीतियों और उपयोगकर्ता सहमतियों के लिए आने वाले अपडेट्स पर ध्यान दें और इस पर सावधानीपूर्वक विचार करें कि आप किस पर भरोसा करते हैं और किसे फॉलो करते हैं।

संगठन और लोग यह सुनिश्चित करने में अपना पैसा और वक्त लगाते हैं कि लोग उनके पोस्ट को देखें। यह भी याद रखना महत्वपूर्ण है कि सशुल्क सामग्री केवल बिक्री के लिए सामान और सेवाएं ही नहीं होती बल्कि राजनीतिक या सामाजिक एजेंडा भी हो सकती है और अक्सर इसे छिपाया जाता है। यह फर्जी खबर और जानबूझकर गलत सूचना देने का आधार होता है।

टिकटॉक के अलावा सभी सोशल मीडिया मंच पर इसकी कुंजी उन लोगों का सावधानीपूर्वक चयन करना है जिन्हें आप फॉलो करते हो।

ट्विटर (अब एक्स) पर सबसे अच्छा विकल्प ‘‘फॉर यू’’ पेज से दूर रहना (जो कि डिफॉल्ट व्यू) होता है और ‘‘फॉलोइंग’’ पेज पर ध्यान केंद्रित करना है। आप ‘‘फॉर यू’’ पेज को पूरी तरह हटा नहीं सकते। ‘‘फॉलोइंग’’ फीड में हर वह व्यक्ति शामिल होता है जिसे आप फॉलो करते हो, उनके ट्वीट और रीट्वीट भी शामिल होते हैं।

अपने फेसबुक न्यूज फीड को साफ करने का सबसे आसान तरीका खातों को ‘‘अनफ्रेंड’’ करना है। एक और विकल्प किसी को ‘‘अनफॉलो’’ करना है जो आपकी मित्र सूची में तो रहता है, वे आपके पोस्ट्स देख सकते हैं लेकिन उनके पोस्ट आपकी फीड में तब तक नहीं दिखेंगे जब तक कि आप उन्हें ‘मेंशन’ नहीं करते। या आप किसी से ‘‘टेक अ ब्रेक’’ भी ले सकते हैं जो एक तरह से अस्थायी ब्लॉक करने का विकल्प है। ब्लॉक करना सबसे अंतिम विकल्प है। इससे वे आपकी मित्र से हट जाएंगे और उनकी कोई भी पोस्ट आपको नहीं दिखेगी।

इंस्टाग्राम भी आपको अनफॉलो और म्यूट करने के ऐसे ही विकल्प देता है।

टिकटॉक में उपयोगकर्ताओं के पास अपनी फीड में संशोधन करने के विकल्प सीमित हैं।

कई सोशल मीडिया मंच के पास हिंसक या ग्राफिक कंटेंट को सीमित करने का विकल्प है। फेसबुक पर यह ‘सेटिंग्स’ में छिपा होता है। वहां से आप न्यूज फीड पर क्लिक करो और फिर ‘रीड्यूस’ करो। आप इस सामग्री को हटा नहीं सकते लेकिन आप अपनी फीड से उसे हटा सकते हैं।

चूंकि सोशल मीडिया उपयोगकर्ता द्वारा नियंत्रित किए जाने के लिए नहीं बनाया गया है तो यह कोई आदर्श मार्गदर्शक नहीं है। ये कंपनियां उपयोगकर्ताओं की भागीदारी पर आधारित हैं, जितना वक्त आप उनकी ऐप पर बिताते हैं, उतना ही वह पैसा कमाते हें। वे खासतौर से यह सुनिश्चित करने के इच्छुक नहीं है कि सोशल मीडिया पर पोस्ट की जानी वाली सामग्री मददगार है या सटीक है।

द कन्वरसेशन गोला सिम्मी

सिम्मी

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

Exit mobile version