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पश्चिमी नेपाल में शक्तिशाली भूकंप से छह लोगों की मौत, प्रधानमंत्री सुरक्षित

(तस्वीरों के साथ)

(शिरीष बी. प्रधान)

काठमांडो, नौ नवंबर (भाषा) पश्चिमी नेपाल में मंगलवार देर रात आए 6.6 की तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से हिमालयी क्षेत्र दहल गया, जिससे छह लोगों की मौत हो गई है और पांच अन्य लोग घायल हो गए। प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा उस समय प्रचार अभियान के लिए इसी क्षेत्र में थे, हालांकि वह सुरक्षित हैं।

नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी केंद्र के अनुसार, नेपाल में देर रात दो बजकर 12 मिनट पर 6.6 तीव्रता का भूकंप आया। इसका केंद्र डोटी जिले में था। हिमालयी क्षेत्र में भूकंप से कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। कई जगह गहरी नींद में सो रहे लोग आधी रात को अचानक घरों से बाहर भागने लगे।

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता फणींद्र पोखरेल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया कि भूकंप से छह लोगों की मौत हो गई।

नेपाली सेना के प्रवक्ता नारायण सिलवाल के अनुसार, तीन लोग लापता हैं और संदेह है कि पूर्वी चौकी में मकान ढहने के कारण वे मलबे में फंस गए हैं। नेपाल की सेना ने लापता लोगों की तलाश शुरू कर दी है।

नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा देर रात जब भूंकप आया तो पश्चिमी नेपाल में मौजूद थे। वह भूकंप के केंद्र से 160 किलोमीटर दक्षिण में धनगढ़ी जिले में चुनावी रैलियों के लिए गए हुए हैं। वह देश में 20 नवंबर को होने वाले संसद व प्रांतीय विधानसभाओं के चुनाव के प्रचार के लिए वहां पहुंचे हैं।

पोखरेल के अनुसार, भूकंप के झटके धनगढ़ी में भी महसूस किए गए। हालांकि प्रधानमंत्री सुरक्षित हैं।

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता पोखरेल ने कहा कि घटना को ध्यान में रखते हुए पश्चिमी नेपाल में प्रधानमंत्री के चुनाव प्रचार संबंधी कार्यक्रम में बदलाव किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री देउबा ने ट्वीट किया, ‘‘ डडेलधुरा भूकंप में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और शोक संतप्त परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं संबंधित अधिकारियों को बचाव एवं राहत अभियान को तेजी से अंजाम देने और घायलों को इलाज मुहैया कराने का निर्देश देता हूं।’’

नेपाल की सेना और पुलिस राहत एवं बचाव अभियान में जुटी है।

डोटी जिले के पुलिस उपाधीक्षक भोला भट्टा ने बताया कि भूकंप के दौरान कई मकान क्षतिग्रस्त हुए और उसके मलबे में दबने से लोगों की मौत हो गई।

समाचार पत्र ‘हिमालयन टाइम्स’ ने पुलिस उपाधीक्षक भोला कुमार भट्ट के हवाले से बताया कि मृतकों में दो महिलाएं, दो पुरुष और दो नाबालिग शामिल हैं।

अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के कारण पहाड़ पर स्थित गांवों में लोग घबरा गए और कई लोगों ने पूरी रात घरों से बाहर बिताई। भूकंप में करीब आठ मकान ढह गए और कई मकानों में दरारें आ गईं।

नेपाल सेना द्वारा साझा की गईं कुछ तस्वीरों में भूकंप से क्षतिग्रस्त मकानों के मलबे में दबे लोगों को कर्मी खोजते नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर साझा की गईं कई वीडियो में लोग हाथों से मलबा हटाते और अपना सामान निकालते नजर आ रहे हैं।

घायल हुए लोगों का डोटी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

नेपाली सेना के प्रवक्ता नारायण सिलवाल ने बताया कि घायलों को नेपाल की सेना व अन्य सुरक्षा कर्मियों ने निकाला और हेलीकॉप्टर के जरिए उन्हें डोटी अस्पताल पहुंचाया गया।

सेना के अनुसार, उन्हें धनगढ़ी और कैलाली से आए हेलीकॉप्टर में अस्पताल पहुंचाया गया। बचाव दल के अलावा खाद्य सामग्री व तंबू मुहैया कराने के लिए भी एक दल मौके पर तैनात किया गया है।

पड़ोसी धनगढ़ी और कैलाली जिलों में भी झटके महसूस किए गए।

राजधानी काठमांडो और भारत के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।

इससे पहले पश्चिमी नेपाल में भूकंप के दो झटके महसूस किए गए। मंगलवार रात नौ बजकर सात मिनट पर 5.7 तीव्रता का और इसके कुछ देर बाद रात नौ बजकर 56 मिनट पर 4.1 तीव्रता का भूकंप का आया।

नेपाल में भूकंप का खौफ हर दम रहता है। 19 अक्टूबर को यहां 5.9 की तीव्रता का भूकंप आया था और तब भी लोग घबरा कर अपने घरों से बाहर आ गए थे। हालांकि किसी तरह के जानमाल की सूचना नहीं मिली थी।

नेपाल में अप्रैल 2015 में 7.8 की तीव्रता के विनाशकारी भूकंप में करीब नौ हजार लोग मारे गए थे और करीब 22 हजार अन्य लोग घायल हुए थे। इसमें आठ लाख से अधिक मकान, स्कूल व अन्य इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं थी।

भाषा निहारिका नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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