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सऊदी अरब ने की कतर से लगने वाली जमीनी सीमा और हवाई मार्ग खोलने की घोषणा, खत्म होगा कूटनीतिक संकट

इस संकट के कारण अमेरिका के रक्षा सहयोगियों के बीच गहरे मतभेद हैं, सामाजिक संबंध खत्म हो चुके हैं और अरब देशों का परंपरागत गठबंधन टूट गया है.

सऊदी अरब और कतर का झंडा | विकीमीडिया कॉमन्स

उल उला (सऊदी अरब): कतर के साथ वर्षों से चले आ रहे कूटनीतिक संकट को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सऊदी अरब ने उसके साथ लगने वाली जमीनी सीमा और हवाई क्षेत्र को खोलने का फैसला लिया है. इस घोषणा के बाद अब कतर के शासक मंगलवार को सऊदी अरब पहुंचेंगे. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

सऊदी के इस निर्णय के चलते वर्षों से चले आ रहे इस कूटनीतिक संकट को खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ा जा सकेगा. इस संकट के कारण अमेरिका के रक्षा सहयोगियों के बीच गहरे मतभेद हैं, सामाजिक संबंध खत्म हो चुके हैं और अरब देशों का परंपरागत गठबंधन टूट गया है.

कुवैत और अमेरिका तीन वर्ष से भी अधिक समय पहले शुरू हुए इस संकट को खत्म करने के असफल प्रयास कर चुके हैं, हालांकि खाड़ी देशों के नेताओं के सम्मेलन से एक दिन पहले सोमवार को इस संकट को खत्म करने के लिए कदम उठाने की घोषणा की गई. यह घोषणा ऐसे वक्त की गई है जब जो बाइडन अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं.

इस घोषणा का समय विशेष ही कहा जाएगा क्योंकि हो सकता है कि सऊदी अरब ट्रंप प्रशासन को एक अंतिम कूटनीतिक जीत दिलाना चाहता हो, वहीं आगामी बाइडन प्रशासन के साथ गर्मजोशी भरे संबंध बनाना चाहता हो क्योंकि ऐसा अनुमान है कि बाइडन का रूख सऊदी के प्रति सख्त हो सकता है.

सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन ने कतर पर इस्लामिक कट्टरपंथी समूहों को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए उस पर प्रतिबंध लगा दिए थे जिसके चलते इस छोटे से लेकिन प्रभावशाली खाड़ी देश की एकमात्र जमीनी सीमा 2017 के मध्य से अधिकतर समय बंद ही रही है. इन देशों को कतर के ईरान के साथ अच्छे संबंधों पर भी आपत्ति है.

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कतर दुग्ध उत्पादों, निर्माण सामग्री तथा अन्य वस्तुओं की आपूर्ति के लिए सऊदी से लगने वाली सीमा पर निर्भर करता है. पिछले तीन साल से इस सीमा को कुछ समय के लिए खोला जाता है ताकि कतर के लोग हज यात्रा पर सऊदी अरब जा सकें.

इस विवाद में मध्यस्थता कर रहे कुवैत के विदेश मंत्री ने इस बाबत घोषणा की. वह कथित तौर पर यह संदेश कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी को देने के लिए सोमवार को दोहा गए.

खाड़ी देशों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए सऊदी अरब का यह फैसला अहम है लेकिन सारे मतभेद दूर होने की अभी कोई संभावना नहीं है. अबु धाबी और दोहा के बीच के मतभेद सबसे ज्यादा गहरे हैं. वहीं यूएई और कतर के बीच विवाद विचारधाराओं को लेकर है.

सऊदी अरब के इस फैसले से अब कतर के शासक मंगलवार को होने वाले खाड़ी देशों के सालाना सम्मेलन में शामिल हो सकेंगे जिसमें एक वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.

कतर की ओर से सोमवार को पुष्टि की गई कि शेख तमीम सम्मेलन में शामिल होंगे.

कुवैत की घोषणा के बाद संयुक्त अरब अमीरात के विदेशी मामलों के राज्यमंत्री अनवर गारगश ने ट्वीट किया कि उनका देश खाड़ी क्षेत्र की एकता के लिए उत्सुक है.

1 टिप्पणी

  1. एक अच्छी खबर भारत और मिडिल ईस्ट के लिए

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