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ऋषि सुनक ने कर विवाद के बीच प्रधानमंत्री से स्वतंत्र समीक्षा कराने का आग्रह किया

अदिति खन्ना

लंदन, 11 अप्रैल (भाषा) ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि मंत्री के तौर पर उन्होंने जो भी घोषणाएं की हैं उनकी समीक्षा एक स्वतंत्र सलाहकार से करवायी जाएं। सुनक ने यह कदम उनके परिवार से जुड़े कर मामलों को लेकर उपजे विवाद के बीच उठाया है।

भारतीय मूल के वित्त मंत्री की पत्नी अक्षता मूर्ति के भारत में कर व्यवस्था को लेकर विवाद है जिसे लेकर उनपर राजनीतिक हमले किए जा रहे हैं और सुनक उनका मुकाबला कर रहे हैं। विपक्ष ने सुनक के आर्थिक मामलों को लेकर भी आरोप लगाए हैं। वित्त मंत्री ने रविवार को ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा कि उन्हें यकीन है कि हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य क्रिस्टोफर गेइट की ओर से जाने वाली समीक्षा से इस मामले में सपष्टता आएगी। गेइट मंत्रियों के हितों पर स्वतंत्र सलाहकार हैं।

प्रधानमंत्री जॉनसन ने सोमवार को वित्त मंत्री के आग्रह को स्वीकार कर लिया और लॉर्ड गेइट को जांच शुरू करने के लिए कहा है जो कुछ महीनों में पूरी होगी। प्रधानमंत्री के आधिकारिक प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की है।

जॉनसन को लिखे अपने पत्र में, 41 वर्षीय सुनक ने कहा कि वह लॉर्ड गेइट के कार्यालय के साथ काम करना चाहते हैं और वित्तीय घोषणाओं के संबंध में सभी प्रासंगिक जानकारी प्रदान करना चाहते हैं, जो सभी मंत्रियों के लिए आवश्यक हैं।

सुनक ने जॉनसन को लिखे पत्र में कहा है कि उनकी सबसे बड़ी चिंता यह है कि जनता उन्हें दिए गए जवाब पर भरोसा रखे और इसे हासिल करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि यह जवाब पूरी तरह से स्वतंत्र हों, बिना किसी पक्षपात के।

उन्होंने कहा, “ मैं चाहूंगा कि लॉर्ड गेइट अपने सभी निष्कर्ष सार्वजनिक करें। मुझे यकीन है कि मेरे द्वारा की गई (वित्तीय) घोषणाओं की समीक्षा साबित करेगी कि सभी प्रासंगिक सूचनाओं की उचित रूप से घोषणा की गई थी। मैंने मंत्री के रूप में अपने पूरे करियर में शुद्धता और प्रकटीकरण के मामलों के संबंध में अधिकारियों की सलाह का पालन किया है और आगे भी करता रहूंगा।”

विपक्षी लेबर पार्टी ने भी 10 डाउनिंग स्ट्रीट को पत्र लिखकर वित्त मंत्री और उनके परिवार से जुड़ी कर स्थितियों और कारोबारी संपर्कों को लेकर परेशान करने वाले खुलासों की जांच का आग्रह किया है।

पिछले हफ्ते सुनक ने अपनी पत्नी एवं इंफोसेस के सह संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी के गैर अधिवास दर्जे का पुरजोर तरीके से बचाव किया था। उनके गैर अधिवास दर्जे का मतलब है कि वह भारत में अपनी कमाई पर ब्रिटेन में कर देने के लिए कानूनी तौर पर बाध्य नहीं हैं।

अक्षता मूर्ति ने ऐलान किया है कि वह ब्रिटेन में अपने सभी करों का भुगतान करेंगी ताकि यह मुद्दा उनके पति के राजनीतिक करियर में रूकावट न डाल सके।

सुनक के अमेरिकी ग्रीन कार्ड को लेकर भी खुलासे हुए हैं जिस उन्होंने पिछले साल कथित रूप से त्याग दिया था।

दस्तावेज़ में ब्रिटिश मंत्री को अमेरिका में स्थायी निवास का अधिकार देता है और साथ ही में उन्हें वहां कर रिटर्न दाखिल करने के लिए उत्तरदायी बनाता है।

सुनक के प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि उन्होंने सभी दिशानिर्देशों का पालन किया और अमेरिकी कर रिटर्न दाखिल करना जारी रखा, लेकिन एक अनिवासी के तौर पर और इसमें कानून का पूरी तरह से पालन किया गया है।

लेबर पार्टी की सांसद येवेट कूपर ने कहा, “पारदर्शिता की कमी हितों के टकराव पर सवाल उठाती है। तथ्य तो यह है कि उन्होंने अपनी कर व्यवस्था बदली है जो दिखाती है कि उन्होंने माना है कि यह एक समस्या है। अगर यह सार्वजनिक नहीं होता तो वे ऐसा नहीं करते।”

इस बीच मीडिया में यह भी अटकलें हैं कि सुनक की पत्नी और उनकी बेटियां कृष्णा और अनुष्का 11 डाउनिंग स्ट्रीट का सरकारी आवास छोड़कर पश्चिम लंदन में स्थित अपने परिवार के घर में जाने वाली हैं।

नोमान उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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