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महाभियोग के दौरान डेमोक्रेट सदस्यों ने कहा, दंगाइयों ने ट्रंप के ‘आदेशों’ पर धावा बोला

कैपिटल हिल्स के दंगे के दौरान सामने आए वीडियो में एक दंगाई ने कहा, ‘हमें यहां बुलाया गया’, दूसरे ने कहा, ‘ट्रंप ने हमें भेजा’. एक अन्य ने कहा, ‘वह खुश होंगे. हम ट्रंप के लिए लड़ रहे हैं.’

डोनाल्ड ट्रंप | फाइल फोटो | विकीपीडिया कॉमन्स

वाशिंगटन: पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर चल रहे महाभियोग के दौरान सदन के डेमोक्रेट सदस्यों ने बृहस्पतिवार को कहा कि यूएस कैपिटल (अमेरिकी संसद भवन) पर धावा बोलने वाले लोगों का मानना था कि वे ‘राष्ट्रपति के आदेशों पर’ ऐसा कर रहे हैं.

अभियोजकों ने शुरुआती दलीलों में बताया कि उन्होंने उस दिन किस तरह की खौफनाक स्थिति का सामना किया था. उन्होंने यह भी बताया कि छह जनवरी के हमले से पहले ट्रंप ने अपने समर्थकों को खुलेआम स्पष्ट निर्देश दिए थे.

दंगाइयों के सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो उपलब्ध हैं जिनमें वे बता रहे हैं कि किस तरह वे यह सब ट्रंप की खातिर कर रहे हैं.

वीडियो में एक दंगाई ने कहा, ‘हमें यहां बुलाया गया’, दूसरे ने कहा, ‘ट्रंप ने हमें भेजा’. एक अन्य ने कहा, ‘वह खुश होंगे. हम ट्रंप के लिए लड़ रहे हैं.’

कोलोराडो से प्रतिनिधि डायना डेगेटे ने कहा, ‘वे वास्तव में मानते थे कि यह सब राष्ट्रपति के आदेशों पर हुआ. राष्ट्रपति ने उन्हें वहां जाने को कहा था.’

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ट्रंप के वकील शुक्रवार को बचाव में दलीलें देंगे. यह प्रक्रिया सप्ताहांत तक समाप्त हो सकती है.

अमेरिकी इतिहास में पहली बार किसी पूर्व राष्ट्रपति पर चल रहा है महाभियोग

अमेरिकी सीनेट ने बुधवार को देश के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की सुनवाई शुरू होते ही डेमोक्रेट के बहुमत वाली प्रतिनिधि सभा के महाभियोग प्रबंधकों ने ट्रंप के खिलाफ राजद्रोह भड़काने का आरोप लगाया.

डेमोक्रेटिक सांसद जैमी रस्किन की अगुवाई में प्रतिनिधि सभा के डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्यों ने ट्रंप पर छह जनवरी को अमेरिकी कैपिटल (संसद भवन) में हुआ दंगा भड़काने का आरोप लगाया गया. यह दंगा उस समय हुआ था, जब कैपिटल परिसर में दोनों सदनों के सांसद तीन नवम्बर को हुए राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम को प्रमाणित करने के अपने संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन कर रहे थे.

चुनाव में डेमोक्रेटिक जो बाइडन ने ट्रंप को मात दी थी. बाइडन ने 20 जनवरी को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर कार्यभार संभाला था. प्रतिनिधि सभा ने 20 जनवरी से पहले उसी समय ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू कर दी थी, जब वह देश के राष्ट्रपति थे और अब उनके व्हाइट हाउस छोड़ने के तीन सप्ताह बाद सीनेट में उनके खिलाफ कार्यवाही शुरू की गई है.

अमेरिकी इतिहास में पहली बार किसी पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू की गई है. इसके अलावा दो बार महाभियोग की कार्यवाही का सामना करने वाले वह पहले राष्ट्रपति हैं.

सीनेट में सांसद जैमी रस्किन ने ट्रंप पर कैपिटल में दंगा करने के लिए एक विद्रोही भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया. उनके कई डेमोक्रेटिक साथियों ने सीनेट में इसका समर्थन किया.

रस्किन ने कहा, ‘ सबूत बताएंगे कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप निर्दोष नहीं है. सबूत बताएंगे कि उन्होंने स्पष्ट तौर पर छह जनवरी को विद्रोह को भड़काया. सबूतों से पता चलेगा कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी कमांडर- इन-चीन की भूमिका छोड़ खतरनाक विद्रोह को भड़काने वाले एक सरगना की भूमिका निभाई.’

प्रतिनिधि सभा के प्रबंधकों के पास दलीलें रखने के लिए 16 घंटे का ही समय है. रस्किन बृहस्पतिवार को अपनी बाकी दलीलें पेश करेंगे. इसके बाद ट्रंप के वकील अपना पक्ष रखेंगे और उन्हें भी 16 घंटे ही मिलेंगे.

इस बीच, भारतीय-अमेरिकी सांसदों ने भी ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का समर्थन किया.

भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘ राष्ट्रपति ने पिछले महीने कैपिटल और हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमला करने वाली भीड़ का भड़काया. आज उन्हें, सजा दिए जाने की आवश्यकता है क्योंकि उनकी वजह से उस दिन सभी सदन के सदस्यों और कर्मियों को अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा था.’’

कृष्णमूर्ति ने प्रतिनिधि सभा में ट्रंप पर महाभियोग चलाने के पक्ष में मतदान किया था. साथ ही तीन अन्य भारतीय-अमेरिकी सांसदों एमी बेरा, रो खन्ना और प्रमिला जयपाल ने भी महाभियोग का समर्थन किया.

गौरतलब है कि ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में हार स्वीकार नहीं की थी और वह तीन नवम्बर को हुए चुनाव में धोखाधड़ी के दावे कर रहे थे. ट्रंप के इन दावों के बीच, कैपिटल बिल्डिंग (अमेरिकी संसद भवन) में उनके समर्थकों ने छह जनवरी को धावा बोला था और हिंसा की थी.


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