(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 24 अक्टूबर (भाषा) केन्या में एक वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। पत्रकार की पत्नी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
इस साल की शुरुआत में देश की सुरक्षा एजेंसियों ने इस पत्रकार पर देशद्रोह और राष्ट्र विरोधी विमर्श में शामिल होने का आरोप लगाया था।
‘एआरवाई टीवी’ के पूर्व रिपोर्टर एवं टीवी एंकर तथा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी माने जाने वाले अरशद शरीफ (49) केन्या में रह रहे थे। अरशद शरीफ की पत्नी जावेरिया सिद्दीकी ने उनके निधन की खबर की सोमवार को ट्विटर पर पुष्टि की।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मैंने आज अपने दोस्त, पति और अपने पसंदीदा पत्रकार को खो दिया। पुलिस के अनुसार उन्हें केन्या में गोली मार दी गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी निजता का सम्मान करें और ‘ब्रेकिंग’ (न्यूज) के नाम पर कृपया हमारे परिवार की तस्वीरें, व्यक्तिगत विवरण और अस्पताल में उनकी अंतिम तस्वीरें साझा नहीं करें। हमें अपनी दुआओं में याद रखें।’’
समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक केन्याई पुलिस ने रविवार रात अरशद शरीफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी। केन्याई पुलिस के मुताबिक एक बच्चे के अपहरण के सिलसिले में तलाशी के दौरान ‘गलत पहचान’ के कारण शरीफ को गोली मारी गयी।
‘डॉन’ अखबार के अनुसार, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के कार्यालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार ने कहा कि केन्या में पाकिस्तानी उच्चायोग स्थानीय अधिकारियों से जानकारी जुटा रहा है।
इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी और उसके वरिष्ठ नेताओं ने अरशद शरीफ की हत्या की निंदा करते हुए इस सिलसिले में विस्तृत जांच की मांग की है।
इमरान खान ने ट्वीट किया, ‘ सच बोलने की कीमत चुकाने वाले अरशद शरीफ की नृशंस हत्या से स्तब्ध हूं। उन्हें देश छोड़कर विदेश में छिपना पड़ा लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए सत्ता में बैठे ताकतवर लोगों का पर्दाफाश करते हुए सच बोलना जारी रखा। आज पूरा देश उनके निधन पर शोक व्यक्त कर रहा है।’
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार अरशद शरीफ की दुखद मौत की चौंकाने वाली खबर से उन्हें ‘गहरा दुख’ हुआ है।
शरीफ ने एक ट्वीट में कहा, ‘मेरी गहरी संवेदनाएं शोकग्रस्त परिवार के साथ हैं।’
अगस्त में अरशद शरीफ पर खान के करीबी सहयोगी शहबाज गिल का साक्षात्कार करने को लेकर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था।
साक्षात्कार में गिल ने देश की शक्तिशाली सेना के खिलाफ खान को खड़ा करने की कोशिश करने के लिए शहबाज शरीफ सरकार की आलोचना की थी। अरशद शरीफ बाद में देश छोड़कर चले गए, जबकि ‘एआरवाई नेटवर्क’ ने कहा कि उसने पत्रकार से अपने रास्ते ‘‘अलग’’ कर लिए हैं।
अरशद शरीफ के पाकिस्तान छोड़ने के एक महीने बाद, एआरवाई टेलीविजन ने उन्हें यह कहते हुए नौकरी से निकाल दिया कि उन्होंने टीवी स्टेशन की नीति का उल्लंघन करते हुए सोशल मीडिया पर सेना की बार-बार आलोचना की थी।
सोमवार और बृहस्पतिवार को प्रसारित होने वाले उनके शो ‘पावरप्ले‘ को बंद कर दिया गया था।
अरशद शरीफ का जन्म 1973 में कराची में हुआ था और उन्होंने तीन दशक पहले अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की थी। उन्हें 2019 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा ‘प्राइड ऑफ परफॉर्मेंस’ से सम्मानित किया गया था।
राष्ट्रपति अल्वी ने एक ट्वीट में कहा, ‘अरशद शरीफ का निधन पत्रकारिता और पाकिस्तान के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार को, जिसमें उनके समर्थक भी शामिल हैं, इस क्षति को सहन करने की शक्ति मिले।’
अरशद शरीफ आखिरी बार ‘बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स’ नामक एक वृत्तचित्र में नजर आए थे।
उनके मित्रों ने शरीफ की हत्या की गहन जांच कराए जाने की मांग की है।
भाषा रवि कांत अविनाश
अविनाश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.