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काम ना आईं कोशिशें, एफएटीएफ के उप-समूह ने की पाकिस्तान को संदिग्ध सूची में ही रखने की सिफारिश

तुर्की और मलेशिया के समर्थन के बाद भी वैश्विक आतंकी वित्तपोषण पर नजर रखने वाले निकाय से इस्लामाबाद को कोई राहत मिलती नहीं दिख रही.

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान | @ImranKhanOfficial | Facebook

पेरिस: पाकिस्तान के काफी मोल-तोल और गुटबाजी के बवाजूद वैश्विक आतंकवाद निरोधी निगरानी संस्था ने मंगलवार को इस्लामिक राष्ट्र को ‘ग्रे एरिया’ यानि संदिग्ध सूची में ही रखने की सिफारिश की है.

वैश्विक आतंकी वित्तपोषण पर नजर रखने वाले निकाय एफएटीएफ के एक उप-समूह ने सिफारिश की कि आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू पाने में नाकामी के कारण पाकिस्तान को संदिग्ध सूची (ग्रे लिस्ट) में ही रखा जाए. सूत्रों के अनुसार इस संबंध में अंतिम निर्णय 21 फरवरी को लिया जाएगा.

यह निर्णय एफएटीएफ के अंतरराष्ट्रीय सहयोग समीक्षा समूह (आईसीआरजी) की बैठक में लिया गया.

एक सूत्र ने कहा, ‘एफएटीएफ के उप-समूह आईसीआरजी की बैठक ने पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में ही बनाए रखने की सिफारिश की है. इस संबंध में अंतिम फैसला शुक्रवार को किया जाएगा जब एफएटीएफ पाकिस्तान से जुड़े मुद्दों पर गौर करेगा.’

सूत्रों ने कहा कि एक बड़े झटके के रूप में, तुर्की और मलेशिया के समर्थन के बाद भी इस्लामाबाद को कोई राहत नहीं मिली.

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हालांकि, निगरानी संस्था (वॉचडॉग) का पाकिस्तान के संदर्भ में ‘टेरर फाइनेंसिंग मानकों सख्त’ करने के बारे में ट्वीट अस्पष्ट लगता है.

ट्वीट्स में बताया गया है कि कैसे वॉचडॉग के मानक ने इस्लामिक स्टेट और अलकायदा जैसे समूहों के लिए ‘धन तक पहुंच को बाधित करने’ में मदद की है. इसके अनुसार ‘हालांकि, विभिन्न समूहों को अब भी अवैध गतिविधि और दुनियाभर से समर्थकों के जरिए धन का फायदा होता है.’

एफएटीएफ मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग से जुड़े देशों के मुद्दों पर ट्वीट करता है. समय-समय पर, यह दिलचस्प तथ्यों को बाहर लाता है.

(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)

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