यरुशलम: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन समेत पांच टन सामग्री भिजवाने के लिए भारत के अपने समकक्ष नरेंद्र मोदी का आभार जताया है. हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को कोविड-19 के इलाज में कारगर माना जा रहा है.
नेतन्याहू ने बृहस्पतिवार शाम को ट्वीट किया, ‘इजराइल को क्लोरोक्वीन भेजने के लिए शुक्रिया, मेरे प्रिय मित्र नरेंद्र मोदी. इजराइल के सभी नागरिक आपका धन्यवाद अदा करते हैं.’
गौरतलब है कि एक विमान कोरोना वायरस मरीजों के इलाज के लिए दवाइयां बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री लेकर भारत से मंगलवार को इजराइल पहुंचा था जिसके बाद इजराइली प्रधानमंत्री ने बृहस्पतिवार को भारत का आभार जताया. नेतन्याहू के आभार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर कहा, हम इस महामारी से साथ मिलकर लड़ेंगे, भारत अपने दोस्तों के लिए हर मदद करने के को तैयार है.’
मोदी ने ट्वीट में इस्रायल के लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना किए जाने की भी बात कही है.
We have to jointly fight this pandemic.
India is ready to do whatever is possible to help our friends.
Praying for the well-being and good health of the people of Israel. @netanyahu https://t.co/jChdGbMnfH
— Narendra Modi (@narendramodi) April 10, 2020
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पांच टन इस माल में क्लोरोक्वीन और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा बनाने की सामग्री भी शामिल है. इस दवा को अब दुनियाभर में कोविड-19 के मरीजों के संभावित इलाज विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है.
इस जानलेवा संक्रामक रोग ने इजराइल में करीब 10,000 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया और 86 लोगों ने जान गंवा दी. 121 अन्य लोग गंभीर हालत में वेंटीलेटर्स पर हैं.
नेतन्याहू ने मोदी से तीन अप्रैल को फोन पर बातचीत में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का निर्यात करने का अनुरोध किया था जिसके कुछ ही दिनों में भारत ने इजराइल को इसकी आपूर्ति कर दी. भारत इस दवाई का दुनिया में सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है.
हालांकि, भारत को अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए दवा का निर्यात सीमित करना पड़ा था.
कोरोना वायरस फैलने के बाद से ही नेतन्याहू, मोदी के संपर्क में रहे हैं. उन्होंने 13 मार्च को विशेष अनुरोध कर भारतीय प्रधानमंत्री को इजराइल को मास्क तथा दवाइयों के निर्यात को मंजूरी देने के लिए कहा था.
इजराइली नेता ने कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए विभिन्न कदमों पर चर्चा करने के लिए दूसरी बार तीन अप्रैल को मोदी से बात की.
गौरतलब है कि कई देश कोरोना वायरस के लक्षणों की इलाज के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के साथ प्रयोग कर रहे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में भारत से इस दवा के निर्यात का अनुरोध किया था.
हालांकि, विशेषज्ञों ने इस दवा के गंभीर प्रतिकूल प्रभावों को लेकर भी आगाह किया है.
इससे पहले ट्रम्प ने मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का अमेरिका को निर्यात करने की मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘शानदार’ शख्स बताते हुए कहा था कि ऐसे मुश्किल वक्त में भारत की मदद को ‘भुलाया नहीं जाएगा.’