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नेपाल के पीएम केपी ओली का आरोप- कम्युनिस्ट पार्टी के नेता समानांतर सरकार बनाने के प्रयास में थे

नेपाल में 20 दिसंबर को तब राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया था जब ओली ने अपने प्रतिद्वंद्वी पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के साथ सत्ता के लिए संघर्ष के बीच प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया था.

फाइल फोटो: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली/फोटो: एएनआई

काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने प्रतिनिधि सभा भंग करने के अपने कदम का बचाव करते हुए सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के कुछ नेताओं पर ‘‘समानांतर सरकार’’ बनाने का प्रयास करने का आरोप लगाया.

ओली ने यह टिप्पणी सरकार की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर सोमवार को सिंह दरबार में प्रधानमंत्री कार्यालय से अपने संबोधन के दौरान सरकार की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए की.

नेपाल में 20 दिसंबर को तब राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया था जब ओली ने अपने प्रतिद्वंद्वी पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के साथ सत्ता के लिए संघर्ष के बीच एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुए प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया था. 275 सदस्यीय सदन को भंग करने के उनके कदम का प्रचंड की अगुवाई वाले एनसीपी के एक बड़े धड़े ने भी विरोध किया.

प्रचंड के नेतृत्व वाले गुट ने काठमांडू सहित देश के विभिन्न हिस्सों में सरकार विरोधी प्रदर्शन रैलियां और सार्वजनिक सभाएं की हैं.

प्रचंड और प्रतिद्वंद्वी ओली गुट, दोनों ही नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी को नियंत्रित करने का दावा करते हैं और इस मुद्दे को चुनाव आयोग में चुनौती दी जा रही है.

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ओली ने कहा कि उनकी सरकार पिछले एक साल से गठबंधन सरकार के समान बाधाओं का सामना कर रही थी.

उन्होंने अपनी स्वयं के पार्टी सहयोगियों को दोषी ठहराते हुए सदन भंग करने के अपने कदम का बचाव किया. उन्होंने कहा कि पार्टी के कुछ नेताओं ने ‘‘समानांतर सरकार’’ बनाने का प्रयास किया.

ओली ने साथ ही प्रतिद्वंद्वी गुट को विभिन्न विधेयकों के अनुमोदन की प्रक्रिया, विभिन्न संवैधानिक निकायों में रिक्त पद के लिए सिफारिशों और संसद में सुनवाई में बाधा डालने का भी जिम्मेदार ठहराया.

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