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नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी में चल रहे मतभेद को सुलझाने के लिए होने वाली बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि दोनों नेताओं को बातचीत के लिए थोड़ा और समय चाहिए इसलिए मंगलवार को बैठक स्थगित कर दी गई.

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो | ट्विटर / @kpsharmaoli

काठमांडू: नेपाल की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की मंगलवार को होने वाली अहम बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है.

प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाले असंतुष्ट गुट के बीच सुलह कराने के उद्देश्य से यह बैठक होनी थी.

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) की 45 सदस्यीय स्थायी समिति की बैठक पूर्वाह्न 11 बजे होनी थी.

बैठक स्थगित होने की सूचना देते हुए स्थायी समिति के सदस्य गणेश शाह ने कहा कि ओली और प्रचंड को आपसी मतभेद सुलझाने के लिए और समय चाहिए.

गत सप्ताह बुधवार को बलुवातार में स्थायी समिति की एक संक्षिप्त बैठक हुई थी. हालांकि प्रधानमंत्री उसमें शामिल नहीं हुए थे.

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इसके बाद पार्टी गतिविधियों की समीक्षा, सरकार का प्रदर्शन, पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच काम के बंटवारे और अन्य संबंधित कामकाज पर चर्चा करने के लिए एक सप्ताह बाद 28 जुलाई को बैठक बुलाने का निर्णय लिया गया था.

प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि दोनों नेताओं को बातचीत के लिए थोड़ा और समय चाहिए इसलिए मंगलवार को बैठक स्थगित कर दी गई.

उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं की बातचीत के बाद अगली बैठक की तारीख पर निर्णय लिया जाएगा.


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पिछले कुछ हफ्तों से एनसीपी में अंदरूनी कलह चल रही है. प्रचंड समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने ओली के भारत विरोधी बयानों को लेकर उनका इस्तीफे की मांग की थी.

नाराज नेताओं का कहना है कि हाल ही में ओली के भारत विरोधी बयान ‘न तो राजनीतिक रूप से सही थे, न कूटनीतिक रूप से उचित थे.’

पार्टी के असंतुष्ट नेता ओली के कामकाज के तरीकों के भी विरोध में हैं.

पार्टी के भीतर मतभेद तब और गहरा गए जब ओली ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा भारत के तीन क्षेत्रों- कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल के मानचित्र में दिखाने के बाद पार्टी के कुछ नेता भारत के साथ मिलकर उन्हें सत्ता से हटाना चाहते हैं.

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