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मेरी मिलबेन ने कश्मीरी पंडितों के पलायन को याद करते हुए, समुदाय के प्रति संवेदना व्यक्त की

(ललित के. झा)

वाशिंगटन, 21 जनवरी (भाषा) पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा धमकियां देने तथा हत्याएं करने के कारण 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन को चिह्नित करते हुए अमेरिकी अभिनेत्री एवं गायिका मेरी मिलबेन ने कहा कि उनकी प्रार्थनाएं कश्मीरी पंडित समुदाय के साथ हैं, क्योंकि अब भी कई लोग अपने प्रियजन, घरों और सांस्कृतिक उपस्थिति को खोने का शोक मना रहे हैं।’’

विस्थापित कश्मीरी पंडित हर साल दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कश्मीर घाटी से समुदाय के पलायन की याद में कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं।

भारत में बुधवार को, उन्होंने 19 जनवरी को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा धमकियां देने तथा हत्याएं करने के कारण 1990 में घाटी से अपने समुदाय के सदस्यों के पलायन को चिह्नित करने के लिए ‘पलायन दिवस’ का आयोजन किया था।

अमेरिकी अभिनेत्री एवं गायिका मिलबेन (39) ने एक ट्वीट कर ‘पलायन दिवस’ ​​को चिह्नित किया और कहा कि उनकी प्रार्थना समुदाय के साथ हैं।

मिलबेन ने कहा, ‘‘ दुनिया भर में धार्मिक उत्पीड़न जारी है। आज आज हम पलायन दिवस की भयावहता को याद करते हैं….जब इस्लामी आतंकवादियों कश्मीर में नरसंहार और जातीय सफाया के कारण कश्मीरी पंडितों को पलायन करना पड़ा था। मेरी प्रार्थनाएं कश्मीरी पंडित समुदाय के साथ हैं, क्योंकि अब भी कई लोग अपने प्रियजन, घरों और सांस्कृतिक उपस्थिति के खोने का शोक मना रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि एक वैश्विक शख्सियत के रूप में, वह हमेशा उनका, धार्मिक स्वतंत्रता तथा वैश्विक नीति का समर्थन करती रहेंगी, जो किसी भी धर्म की रक्षा करने के लिए जरूरी है।

गायिका ने कहा, ‘‘ ईसाइयों का उत्पीड़न, यहूदी विरोधी भावना, यहूदियों के प्रति घृणा, हिंदुओं और अन्य लोगों के खिलाफ नरसंहार आज भी जारी है। मैं अमेरिकियों और वैश्विक नागरिकों को इन बुराइयों को लेकर उदासीन न होने की चुनौती देती हूं।’’

भारत के राष्ट्रगान और भक्ति गीत ‘ओम जय जगदीश हरे’ गाए जाने के बाद, मिलबेन भारत में और भारतीय-अमेरिकियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं।

भाषा निहारिका शाहिद

शाहिद

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