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भारत, तंजानिया द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने पर सहमत हुए

(फाइल फोटो के साथ)

दारेसलाम (तंजानिया), नौ जुलाई (भाषा) भारत और तंजानिया कारोबार, निवेश, कृषि, रक्षा एवं शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान कर अपने संबंधों को और बढ़ाने के लिए एक खाका तैयार करने पर सहमत हुए हैं। दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों ने यह जानकारी दी।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को तंजानिया की विदेश मामलों एवं पूर्व अफ्रीकी सहयोग मंत्री स्टरगोमेना टैक्स से यहां 10वें भारत-तंजानिया संयुक्त आयोग बैठक में मुलाकात की।

जयशंकर ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच इस संयुक्त आयोग में सार्थक बातचीत हुई।

उन्होंने कहा, ‘‘इसने हमें अपने संबंधों पर नए सिरे से गौर करने का एक मौका दिया। इस दौरान हमने इस बात पर भी चर्चा की कि ऐसे कौन से नए-नए क्षेत्र हैं जिनमें हम सहयोग को और बढ़ा सकते है। साथ ही, हम उन क्षेत्रों में भी अपना सहयोग मजबूत करने पर सहमत हुए जिन पर हम वर्षों से काम कर रहे हैं।’’

दोनों पक्षों ने आईसीटी (सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी) एवं प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की।

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने दोनों देशों के बीच प्रशिक्षण एवं आदान-प्रदान बढ़ाने के बारे में बात की। हमने भारत और तंजानिया के बीच स्वास्थ्य, कृषि, रक्षा एवं शिक्षा जैसे नए क्षेत्रों को बढ़ावा देने पर विचार किया।’’

जयशंकर ने कहा कि भारत और तंजानिया के बीच वर्षों से बहुत मजबूत संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी आजादी की शुरुआत से ही हमारे बीच हमेशा बेहतर समझ रही है। आज यह बहुत मजबूत आर्थिक भागीदारी में परिलक्षित होता है। हमारा सालाना लगभग साढ़े छह अरब डॉलर का व्यापार होता है।’’

दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय विकास साझेदारी के बारे में जयशंकर ने कहा कि भारत को दोनों देशों के बीच जल साझेदारी पर गर्व है।

उन्होंने कहा, ‘‘जल साझेदारी में लगभग एक अरब डॉलर का आसान ऋण शामिल है, जो परियोजनाएं पूरी होने पर 80 लाख तंजानियावासियों को सुरक्षित पेयजल प्रदान करेगा। मुझे लगता है कि इसमें इस देश के 28 कस्बे शामिल होंगे और हमारे लिए यह एक बड़ा सौभाग्य है कि हम इस तरह की एक बड़ी परिवर्तनकारी विकास पहल के साथ जुड़े।’’

जयशंकर ने कहा कि उनकी यात्रा के दौरान, दोनों पक्ष एक नयी प्रमुख परियोजना – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के परिसर की स्थापना – पर सहमत हुए, जो दोनों देशों के बीच गहरी दोस्ती को रेखांकित करेगी।

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर यह एक बहुत ही सार्थक यात्रा रही है।

टैक्स ने कहा कि दोनों पक्षों ने राजनीति, कारोबार और निवेश, ऊर्जा, शिक्षा, जल, स्वास्थ्य, आईसीटी और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर संतोष जताया तथा इन क्षेत्रों में और सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि जंजीबार में पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना का फैसला, प्रौद्योगिकी और नवाचार में क्षमता बढ़ाने में तंजानिया के प्रयासों में योगदान देगा।

उन्होंने कहा कि तंजानिया भारत के साथ साझेदारी और सहयोग जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

भाषा सुरभि देवेंद्र

देवेंद्र

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