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मौसम और मानसून के पूर्वानुमान में होगा सुधार, भारत और अमेरिका की संस्थाओं ने किया समझौता

भारत के राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक जी. ए. रामदास और अमेरिका के नेशनल ओशिएनिक एंड एटमोसफेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के यूएस असिस्टटेंट एडमिनिस्ट्रेटर फॉर रिसर्च और कार्यवाहक मुख्य वैज्ञानिक क्रेग मैकलीन ने सोमवार को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए.

दिल्ली में मानसून की दस्तक, प्रतीकात्मक तस्वीर.

वाशिंगटन: भारतीय और अमेरिकी संस्थाओं ने मानसून के डेटा विश्लेषण और क्षेत्र में मौसम पूर्वानुमान में सुधार के लिए सहयोग को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

भारत के राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक जी. ए. रामदास और अमेरिका के नेशनल ओशिएनिक एंड एटमोसफेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के यूएस असिस्टटेंट एडमिनिस्ट्रेटर फॉर रिसर्च और कार्यवाहक मुख्य वैज्ञानिक क्रेग मैकलीन ने सोमवार को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए.

इसके परिणाम स्वरूप दोनों संस्थाएं एनओएए और भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के बीच मौसम एवं मानसून पूर्वानुमान में सुधार के लिए रिसर्च मूर्ड ऐरे फॉर अफ्रीकन-एशियन-ऑस्ट्रेलियन मानसून एनलालिसिस एंड प्रिडिक्शन (आरएएमए) और ओशियन मूर्ड बॉय नेटवर्क इन द नॉर्दर्न इंडियन ओशन (ओएमएनआई) के विकास में तकनीकी सहयोग बढ़ाएंगी.

यह समझौता पृथ्वी अवलोकन और पृथ्वी विज्ञान में तकनीकी सहयोग के लिए पिछले साल अक्टूबर में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और एनओएए के बीच हुए समझौता ज्ञापन के बाद का अगला कदम है. समझौता ज्ञापन पर अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू और एनओएए के कार्यवाहक प्रशासक डॉ नील ए जैकब्स ने हस्ताक्षर किए थे.

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